North Korea: लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल का परीक्षण सफल, US बोला- 'पड़ोसियों के लिए खतरा'

North Korea: लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल का परीक्षण सफल, US बोला- ‘पड़ोसियों के लिए खतरा’

cruise missile

सियोल। उत्तर कोरिया ने कहा है कि उसने नई विकसित लंबी दूरी की North Korea क्रूज मिसाइल का सप्ताह के अंत में सफल परीक्षण किया है। बीते कई महीनों में उत्तर कोरियाई मिसाइल परीक्षण की यह पहली ज्ञात गतिविधि है जो रेखांकित करती है कि किस तरह अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता में गतिरोध के बीच उत्तर कोरिया सैन्य क्षमताओं का विस्तार कर रहा है।

कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने सोमवार को कहा कि क्रूज मिसाइल North Korea विकसित करने का काम बीते दो साल से चल रहा था और शनिवार तथा रविवार को परीक्षण के दौरान उसने 1,500 किलोमीटर दूर स्थित लक्ष्य पर मार करने की क्षमता का प्रदर्शन किया है।

उत्तर कोरिया ने नई मिसाइलों को ‘‘बेहद महत्वपूर्ण सामरिक हथियार’’ बताया जो सेना को मजबूत करने के देश के नेता किम जोंग उन के आह्वान के अनुरूप है। North Korea उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया ने मिसाइल परीक्षण की तस्वीरें जारी कीं।

दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने कहा कि सेना अमेरिका North Korea तथा दक्षिण कोरिया की खुफिया सेवा के जरिए उत्तर कोरिया के परीक्षणों का विश्लेषण कर रहा है।

अमेरिकी हिंद प्रशांत कमान ने कहा कि ”वह सहयोगियों के साथ मिलकर हालात पर नजर रख रही है और उत्तर कोरिया की गतिविधियां बताती हैं कि उसका ध्यान निरंतर ‘सैन्य कार्यक्रम को विकसित करने और पड़ोसियों तथा अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए खतरे उत्पन्न करने पर है।”

केसीएनए ने कहा कि मिसाइलों ने अपने निशानों पर मार करने से पहले उत्तर कोरिया की भूमि और जल क्षेत्र के ऊपर 126 मिनट तक उड़ान भरी। इसमें बताया गया कि किम के शीर्ष सैन्य अधिकारी पाक जॉग चोन ने परीक्षण North Korea का अवलोकन किया और देश के रक्षा वैज्ञानिकों से कहा कि वे उत्तर कोरिया की क्षमताओं में वृद्धि के लिए सभी प्रयास करें।

ऐसा लगता है कि किम मिसाइल परीक्षण देखने के लिए नहीं पहुंचे थे। अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच North Korea वार्ता में 2019 से गतिरोध बना हुआ है, जब अमेरिका ने पाबंदियों में बड़ी राहत देने का उत्तर कोरिया का अनुरोध ठुकरा दिया था। अब किम की सरकार बाइडन प्रशासन के वार्ता के अनुरोध को ठुकरा रही है, उसका कहना है कि पहले वाशिंगटन अपनी ‘शत्रुतापूर्ण’ नीतियों को छोड़े।

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