Nobel Laureate Amartya Sen इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है जहां पर विश्व भारती विश्वविद्यालय ने बेदखली के आदेश में नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन से 13 डिसमिल जमीन खाली करने को कहा है। भारत सरकार की सलाह और भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) की रिपोर्ट के अनुसार, एक सदी पुराने केंद्रीय संस्थान को अतिक्रमणों पर नियंत्रण पाने और मंत्रालय को रिपोर्ट जमा करने की तत्काल जरूरत है।
इस वजह से आदेश किया जारी
आपको बताते चलें कि, विश्वविद्यालय ने जमीन जिस पर कथित रूप से अनधिकृत तरीके से उनका कब्जा है। इसे लेकर आदेश जारी किया है। नोटिस में कहा गया, ‘‘ अमर्त्य सेन और सभी संबंधित लोगों को उक्त परिसर से यदि आवश्यक हो, बल का इस्तेमाल करके बेदखल किया जाए।’’ नोटिस के अनुसार, ‘‘ यह निर्णय किया गया है कि अनुसूचित परिसर के उत्तर-पश्चिमी कोने में 50 फुट लंबी और 111 फुट चौड़ी 13 डेसीमल भूमि उनसे वापस ली जाए।’’ संयुक्त रजिस्ट्रार आशीष महतो द्वारा जारी नोटिस के अनुसार, ‘‘ इस प्रकार वह अनुसूचित परिसर में केवल 1.25 एकड़ भूमि (पट्टे की शेष अवधि के लिए) कानूनी रूप से कब्जा कर सकते हैं। उनके पास अनुसूचित परिसर में 1.38 एकड़ जमीन पर कब्जा करने का अधिकार नहीं है।’’
विश्व भारती विश्वविद्यालय ने बेदखली के आदेश में नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन से 13 डिसमिल जमीन खाली करने को कहा है, जिस पर कथित रूप से अनधिकृत तरीके से उनका कब्जा है। pic.twitter.com/B0Cwlr1kiH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 20, 2023
सभी आरोपो को सेन ने किया खारिज
सेन ने लगातार इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि 1.25 एकड़ जमीन विश्व भारती द्वारा उनके पिता को एक निश्चित अवधि के लिए पट्टे पर दी गई थी, जबकि विवादास्पद 13 डेसीमल उनके पिता द्वारा खरीदी गई जमीन का हिस्सा है और उनके पास यह साबित करने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज हैं।केंद्रीय विश्वविद्यालय ने कुछ दिन पहले सेन को नोटिस जारी कर मामले पर 19 अप्रैल तक जवाब देने को कहा था।