नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) में विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की भूमिका बढ़ाने के लिये कोटा की 16वीं सामान्य समीक्षा को समय पर पूरा करने की जरूरत बताई। मुद्राकोष (आईएमएफ) के अनुसार, कोटा की 16वीं सामान्य समीक्षा (जीआरक्यू) को 15 दिसंबर, 2023 तक पूरा होना है। कोटा हिस्सेदारी में कोई भी समायोजन से उभरती अर्थव्यवस्थाओं का वैश्विक अर्थव्यवस्था में उनकी स्थिति के अनुसार मतदान अधिकार बढ़ेगा। सीतारमण ने मुद्राकोष की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलीना जॉर्जिवा के साथ बैठक में यह बात कही। आईएमएफ प्रमुख भारत की जी-20 की अध्यक्षता और इसके लिये मुद्राकोष के समर्थन के बारे में चर्चा के लिये यहां आई हुई हैं।
वित्त मंत्रालय ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष में विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का अधिकार बढ़ाने के लिये कोटा की 16वीं सामान्य समीक्षा की जरूरत पर जोर दिया। यह समीक्षा इस रूप से हो, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था में असमानता और असंतुलन का समाधान हो।’’ जॉर्जिवा ने सीतारमण की इस बात पर सहमति जतायी कि आईएमएफ को प्रासंगिक बने रहने के लिये यह महत्वपूर्ण है कि विश्व व्यवस्था में उभरती अर्थव्यवस्थाओं (ईएमई) की बदली हुई स्थिति को दर्शाने के लिये जीआरक्यू पर एक आम सहमति बनाई जाए।
मुद्राकोष में भारत का कोटा 2.75 प्रतिशत है। चीन का कोटा 6.4 प्रतिशत और अमेरिका का 17.43 प्रतिशत है। यह कोटा आईएमएफ में वोट हिस्सेदारी निर्धारित करता है। मंत्रालय के अनुसार, बैठक के दौरान जॉर्जिवा ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं और चुनौतियों के बावजूद भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थल बना हुआ है।
सीतारमण और जॉर्जिवा ने क्रिप्टो संपत्ति के नियमन के महत्व और इस मुद्दे पर विश्व स्तर पर समन्वित दृष्टिकोण की आवश्यकता पर भी चर्चा की। वित्त मंत्री ने आग्रह किया कि आईएमएफ को इस संबंध में प्रमुख भूमिका निभानी चाहिए। भारत इस साल एक दिसंबर से 30 नवंबर, 2023 तक जी-20 की अध्यक्षता करेगा। देश अगले साल जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।