हाइलाइट्स
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भोपाल चंदनपुरा वन क्षेत्र में नियमों का उल्लंघन
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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में सुनवाई
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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दिए निर्देश
NGT: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने भोपाल के चंदनपुरा वन क्षेत्र में हो रहे गंभीर नियम उल्लंघनों पर ध्यान दिया है। कोर्ट ने 5 सदस्यीय कमेटी बनाकर निर्देश दिए हैं कि वो जगह का दौरा करके 6 महीने में उल्लंघन और कार्रवाई की रिपोर्ट दे।
28 लाख भोपालियों को मिलती है शुद्ध हवा
कोर्ट का कहना है कि चंदनपुरा वन क्षेत्र बाघों का आवास और प्रजनन स्थल है। ये पूरे भोपाल शहर की हवा को साफ करने का काम करता है। इस जंगल से 28 लाख भोपालियों को शुद्ध हवा मिलती है। ये वन क्षेत्र मास्टर प्लान 2025 के मुताबिक शहर को शुद्ध हवा देता है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने चंदनपुरा वन क्षेत्र में हो रहे नियमों के उल्लंघन पर नजर डाली।
इंसानों के अतिक्रमण से बाघों को खतरा
भोपाल के चंदनपुरा के जंगलों में इंसानों के अतिक्रमण और जंगलों को नुकसान पहुंचाने से बाघों को खतरा है। पश्चिमी रिंगरोड परियोजना टाइगर कॉरिडोर को काट रही है। इससे बाघों की आवाजाही बंद हो जाएगी और प्रजनन स्थल दुर्गम हो जाएंगे। इसका लगातार काम जारी है।
चंदनपुरा में विकसित यूनिवर्सिटी
चंदनपुरा के जंगलों में टाइगर हैबिटेट और ब्रीडिंग ग्राउंड में बिना किसी वन मंजूरी के स्टूडेंट एनरिचमेंट हब बनाया जा रहा है। यहां केवल पाठ्येतर गतिविधियों की अनुमति है, लेकिन इसमें शैक्षणिक गतिविधियां शामिल नहीं हैं।
JLU ने काटे पेड़
जंगल में आग लगने की घटनाएं भी कई बार हुईं। JLU के कैंपस में ये रिपोर्ट की गई कि नए निर्माण के लिए पेड़ काटे गए हैं। शैक्षणिक संस्थान की आड़ में JLU ने वन भूमि पर अतिक्रमण करने के लिए स्लैश एंड बर्न प्रक्रिया अपनाई। अधिकारियों ने 200 मीटर से ज्यादा की अवैध बाउंड्री को हटाने के लिए कार्रवाई की। आरोप है कि JLU का उद्देश्य शैक्षणिक संस्थान की आड़ में जंगल की जमीन हड़पना है।
ये भी उल्लंघन
- सनबर्न जैसे कार्यक्रम में 7 हजार से ज्यादा लोग जुटे
- तेज आवाज और लाइट का इस्तेमाल, बड़ी संख्या में वाहन आए
- संवेदनशील वन क्षेत्र में छात्र संवर्धन केंद्र का निर्माण
- अवैध साज-सज्जा, वन क्षेत्र में कचरा डंप करना
- झरनों और सहायक नदियों का विनाश
टाइगर कॉरिडोर की सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए पर्यावरण कानूनों का गंभीर उल्लंघन है और उत्तरदाताओं ने वन क्षेत्र का उल्लंघन किया गया है।
संयुक्त कमेटी का गठन, ये शामिल
- MoEF&CC भोपाल से एक प्रतिनिधि शामिल
- प्रधान मुख्य वन संरक्षक मध्यप्रदेश का एक प्रतिनिधि
- सचिव (पर्यावरण) मध्यप्रदेश का एक प्रतिनिधि
- केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एक प्रतिनिधि
- मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एक प्रतिनिधि
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NGT ने कमेटी को दिए निर्देश
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कमेटी को निर्देश दिया गया है कि वो चंदनपुरा जंगल का 6 हफ्ते के अंदर दौरा करे। वन क्षेत्र में किए उल्लंघन और कार्रवाई की रिपोर्ट सौंपे। कमेटी सुधार के लिए सुझाव भी देगी। पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करने वाली किसी भी गतिविधि और निर्माण के लिए जरूरी निर्देश देगी।