Advertisment

डीपफेक पर लगने वाली है लगाम: मोदी सरकार लाएगी विपक्ष का समर्थन लेके डिजिटल इंडिया बिल! अब AI का होगा बेहतर यूज

Digital India Bill: केंद्र में तीसरी बार बनी मोदी सरकार AI (एआई) डीपफेक वीडियोज और अन्य खतरनाक और फेक ऑनलाइन कंटेंट को रोकने के लिए

author-image
Aman jain
डीपफेक पर लगने वाली है लगाम: मोदी सरकार लाएगी विपक्ष का समर्थन लेके डिजिटल इंडिया बिल! अब AI का होगा बेहतर यूज

Digital India Bill: केंद्र में तीसरी बार बनी मोदी सरकार AI (एआई) डीपफेक वीडियोज और अन्य खतरनाक और फेक ऑनलाइन कंटेंट को रोकने के लिए संसद सत्र में एक नया बिल लाने का प्‍लान बना रही है।

Advertisment

मीडिया रिर्पोट की मानें तो इस बिल का नाम डिजिटल इंडिया बिल रखा जा सकता है।

यह कानून आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टेक्‍नोलॉजी का बे‍हतर यूज करने के नए तरीके की खोज भी करेगा और साथ ही बढ़ रहे उपराधों की देख-रेख कर इन्‍हें रोकने का प्रयास भी करेगा।

मोदी सरकार संसद में बिल पेश करने से पहले बिल पर एक क्रॉस-पार्टी सहमति प्राप्त करने का भी प्रयास करेगी यानी सरकार इस बिल के लिए विपक्ष से भी बात कर सकती है और सर्वसम्मति से एक नया बिल पास कर सकती है।

Advertisment

https://twitter.com/BansalNewsMPCG/status/1802257397617934481

26 जून से होगा 18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरु

मीडिया रिर्पोट की माने तो देश में बने नए संसद भवन में 26 जून से शुरू हो रहे 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में सबसे पहले नए सांसदों का शपथ ग्रहण और राष्ट्रपति का अभिभाषण होना है।

इसी सत्र में सरकार पूर्ण बजट भी पेश कर सकती है। इस बजट के अलावा सत्र में डिजिटल इंडिया बिल (Digital India Bill) पर भी लंबी बहस हो सकती है और इस बिल को लाने पर विचार किए जा सकते हैं।

publive-image

इस बिल में सोशल मीडिया पर जारी होने वाले वीडियो को रेगुलेट करने का भी प्रावधान हो सकता है।

Advertisment

पिछले साल तत्कालीन IT राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा था कि सरकार फेक वीडियो और सोशल मीडिया के वीडियो को रेगुलेट करने का बिल लाने की तैयारी में है।

उन्होंने फाइनेंशियल एक्सप्रेस के डिजीफंड एंड सेफ्टी समिट में कहा था कि इस बिल पर लंबी चर्चा और बहस की जरूरत है, जिसमें समय लग सकता है।

चुनाव से पहले इसे संसद की पटल पर लाना मुमकिन नहीं लगता।  इस बिल को लाने का उद्देश्‍य देश में बढ़ रहे डीपफेक पर रोक लगाना है।

Advertisment

क्या होता है डीपफेक

डीपफेक एक ऐसी नई टेक्नोलॉजी है जिसने कुछ समय के अंदर ही लोगों के मन में संदेह और सवाल पैदा कर दिए हैं।

इस डीपफेक के माध्‍यम से कुछ हैकर्स लोगों को भ्रमित करने और लोगों की प्रायवेसी को भंग करने वाली यह टेक्नोलॉजी लगातार सरकार के लिए चिंता का विषय बनी हुई थी।

लोकसभा चुनावों के पहले चुनाव आयोग ने भी डीपफेक को लेकर अपनी चिंता जताई थी।

कैसे बनाया जाता है डीपफेक

डीपफेक शब्द पहली बार 2017 में सामने आया था क्‍योंकि तब अमेरिका के सोशल न्यूज एग्रीगेटर Reddit पर डीपफेक आईडी से कई सेलिब्रिटीज के वीडियो पोस्ट किए गए थे।

इसमें एक्ट्रेस एमा वॉटसन, गैल गैडोट, स्कारलेट जोहानसन के कई पोर्न वीडियो थे। डीपफेक में किसी रियल वीडियो, फोटो या ऑडियो में दूसरे के चेहरे, आवाज और एक्सप्रेशन को फिट कर देने को डीपफेक नाम दिया गया है।

ये इतनी सफाई से होता है कि कोई भी यकीन कर ले। इसमें फेक भी असली जैसा लगता है। इसमें मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सहारा लिया जाता है।

इसमें वीडियो और ऑडियो को टेक्नोलॉजी और सॉफ्टवेयर की मदद से बनाया जाता है।

एक्‍ट्रेस से लेकर गृहमंत्री हुए है डिपफेक का शिकार

फिल्म अभिनेत्री रश्मिका मंधाना की एक डीपफेक विडियो वायरल हुई थी जिसके बाद सभी ने इसको लेकर चिंता जताई थी।

इसी चुनावी साल 2024 के अप्रैल महीने में मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र यूथ कांग्रेस के ट्विटर अकाउंट और 16 अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था, क्योंकि इस हैंडल से गृहमंत्री अमित शाह का एक डीपफेक विडियो डाला गया था, जिसमें वह एसी एसटी और ओबीसी के रिजर्वेशन में कटौती करने की घोषणा कर रहे थे।

जिससे लोगों में गलत संदेश जा रहा था और अमित शाह की छवि खराब हो रही थी।

यह भी पढ़ें- Elon Musk On EVM: एलन मस्क ने उठाए ईवीएम पर सवाल, बंद करने की करी मांग; बोले- इसको हैक किया जा सकता है

Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें