New Motor Vehicle ACT : आज के समय में आम इंसान से लेकर एक प्रोफेसनल इंसान के लिए वाहन वेहद जरूरी हो गया है। कामकाज से लेकर जरूरी सामनों को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने के लिए लोडिंग वाहनों की वेहद आवश्यकता होती है। इंसान के जीवन में वाहनों का जिनता महत्व है, उतना ही वाहन इंसान के लिए दुखइाई भी होते है। देशभर में रोजाना होने वाली वाहन दुर्घटनाओं में कई लोगों की मौत होने की खबरे आज के समय में आम हो गई है।
वाहन दुर्घटनाओं के ऐसे कई मामले है जो सालों से कोर्ट की फाइलों में धूल खा रहे है, लेकिन मामलों का फैसला कब होगा यह किसी को नहीं पता है। दरअसल, हम यह बात इसलिए कर हरे है, क्योंकि कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि अगर किसी ड्राइवर से एक्सीडेंट हो जाए तो क्या कार मालिक को भी सजा होती है? क्यों उसके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज होता है? क्या कार मालिक भी कानून के फंदे में फंसता है? आइए जानते है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक वरिष्ठ वकील के अनुसार अगर किसी कार एक्सीडेंट में विक्टिम की मौत हो जाती है तो ऐसे में कार चलाने वाले शख्स पर धारा 304a लगती है। जो की एक जमानती धारा होती है। इसके केवल ड्राइवर जो वाहन को चला रहा होता है वही आरोपी होता है। आईपीसी की धारा 304 ए के तहत जल्दबाजी में कोई ऐसा कार्य करना जिससे किसी व्यक्ति की हत्या हो जाए तो इसके लिए सजा का प्रावधान है। ऐसे मामलों में दोषी पाए जाने पर दो साल तक की जेल, जुर्माना, या जेल और जुर्माना दोनों हो सकता है। ऐसे मामलों की सुनवाई मजिस्ट्रेट कर सकते हैं। साथ ही इसमें जमानत के लिए अर्जी भी लगाई जा सकती है।
क्या मालिक के खिलाफ होती है कार्रवाई?
हाईकोर्ट के वकील के अनुसार ऐसी परिस्थिति में कार के मालिक पर कोई मुकदमा नहीं होता है। अगर आपने अपनी कार किसी दोस्त को दिया है और वह एक्सीडेंट कर देता है तो दुर्घटना क्लेम में मोटर मालिक और बीमा कंपनी जिम्मेदार होंगे। हालांकि अगर कोई एक्सीडेंट होता है तो पुलिस नोटिस भेजकर कार मालिक को पूछताछ के लिए बुला सकती है। पुलिस कार के मालिक से कार से हुए हादसे और किसी और को कार देने का कारण आदि को लेकर सवाल पूछ सकती है।
अगर ड्राइवर जो जाए फरार तो क्या मालिक फंसेगा?
नए मोटर-व्हीकल एक्ट के अनुसार अगर किसी हादसे के बाद वाहन ड्राइवर मौके से फरार हो जाते है। तो ऐसे मामलों में वाहन ड्राइवर पूरी तरह दोषी माना जाएगा। नए मोटर-व्हीकल एक्ट के तहत सड़क हादसे का पूरी तरह से जिम्मेदार सिर्फ गाड़ी का ड्राइवर ही होगा। और अगर हादसे के वक्त अगर कार का मालिक खुद वारदात के वक्त कार में बैठा हो तो ऐसे में उसके खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज हो सकता है। अगर आरोपी दोषी साबित हो जाता है तो कार मालिक को भी आरोपियों जितनी ही सजा मिल सकती है।