भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह New Educational Policy ने आज 27वीं राष्ट्रीय सहोदय स्कूल कॉन्फ्रेंस में संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ग्वालियर की सहोदय समिति सचमुख में बहुमुखी शिक्षा का मंच है। यह समिति ग्वालियर-चंबल के स्कूलों में उचित समन्वय बैठाने में सफल सिद्ध हुई है। मैं सीबीएसई नई दिल्ली के पदाधिकारियों का अभिनंदन करता हूं। कि उन्होंने 27वीं सहोदय कांफ्रेंस का दायित्व ग्वालियर को दिया। भारत अत्यंत प्राचीन और महान राष्ट्र है। 5 हजार साल से ज्यादा का ज्ञात इतिहास है हमारा।
जब दुनिया के विकसित देशों में सभ्यता के सूर्य का उदय नहीं हुआ था तब हमारे यहां तक्षशिला और नालंदा जैसे विश्वविद्यालय थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भारत की प्राचीन शिक्षा पद्धति ने एक जमाने में दुनिया को भी दिशा देने का कार्य किया है। उसी प्राचीन नींव पर प्रधानमंत्री मोदी ने शिक्षा के क्षेत्र में नव निर्माण का कार्य प्रारंभ किया है।
भारत में शिक्षा के तीन उद्देश्य रहे हैं। ज्ञान देना, कौशल देना और नागरिकता के संस्कार देना। स्वामी विवेकानंद जी कहां करते थे दुनिया में कोई कार्य ऐसा नहीं जो मनुष्य न कर सके। लेकिन उसकी क्षमता का प्रकटीकरण करने का सबसे सशक्त माध्यम है ज्ञान और शिक्षा ।भारत अत्यंत प्राचीन और महान राष्ट्र है। 5 हजार साल से ज्यादा का ज्ञात इतिहास है हमारा। भारत की प्राचीन शिक्षा पद्धति ने एक जमाने में दुनिया को दिशा देने का काम किया। प्रधानमंत्री ने नवनिर्माण का काम शिक्षा के क्षेत्र में प्रारंभ किया है। मध्यप्रदेश में हमने तय किया है नई शिक्षा नीति को पूरी तरीके से जमीन पर उतारें। सीएम राइज के नाम से विद्यालय स्थापित कर रहे हैं। जरूरत इस बात की है बेहतर स्कूल हो। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा जो नई शिक्षा नीति के सारे उद्देश्यों को पूरा करे।