कोलकाता, 14 जनवरी (भाषा) तृणमूल कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि नए कृषि कानून छोटे और सीमांत किसानों को बड़े ‘कॉरपोरेट्स’ की दया का मोहताज बना देंगे और साथ ही इन्हें तुरंत रद्द किए जाने की मांग भी की।
बारासात की सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की सूची से निकाले जाने के बाद प्याज और आलू के दाम आसमान छू रहे हैं।
उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की अवधारणा को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया है।
उन्होंने पत्रकारों से कहा कि केन्द्र ने जिस तरह संसद में चर्चा किए बिना जल्दबाजी में कृषि कानूनों को पारित किया, वह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि केन्द्र सरकार किसान विरोधी और जन विरोधी है।
सांसद ने कहा, ‘‘ किसानों को अब बड़े कॉरपोरेट्स को कम्पनियों द्वारा बताए गए मूल्यों पर अपनी उपज बेचने को मजबूर होना पड़ेगा। हालांकि, फसल खराब होने की स्थिति में, ये कम्पनियां किसानों से उपज खरीदने के लिए बाध्य नहीं हैं।’’
उन्होंने कहा कि दूसरी ओर पश्चिम बंगाल सरकार ने हमेशा किसानों का साथ दिया है और उन्हें ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ भी दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि नए कृषि कानून पूरी तरह असंवैधानिक हैं और दिखाते हैं कि केन्द्र की जिम्मेदारी ‘कॉरपोरेट्स’ की तरफ है, देश की जनता के प्रति नहीं।
भाषा निहारिका दिलीप
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