Nepal New PM: सीपीएन-माओवादी सेंटर के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने सोमवार को नेपाल के प्रधानमंत्री पद की शपथ ले ली। राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने उन्हें पीएम पद की शपथ दिलाई। इसी के साथ उन्होंने तीसरी बार पीएम पद की शपथ ली है। प्रचंड की पार्टी को नेपाल के कुल 275 सांसदों में से 165 का समर्थन हासिल है।
केपी शर्मा ओली से मिलाया हाथ
बता दें कि नेपाल चुनाव में अच्छी बढ़त हासिल करने के बाद सीपीएन-माओवादी ने अचानक अपने सरकार में सहयोगी शेर बहादुर देउबा की नेपाली कांग्रेस पार्टी से गठबंधन तोड़ लिया था। प्रचंड की पार्टी ने पूर्व प्रधान मंत्री केपी शर्मा ओली की नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी – एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) ने गठबंधन किया है। गठबंधन के तहत प्रचंड और ओली ने बारी-बारी से देश पर शासन करने के लिए एक समझौता किया है, जिसमें ओली बाद की मांग के अनुसार प्रचंड को पहले प्रधानमंत्री बनाने पर सहमत हुए हैं।
खास बात यह है कि साल 2021 में, प्रचंड और ओली के अलग होने के बाद, शेर बहादुर देउबा काठमांडू में प्रचंड के समर्थन से सत्ता में आए थे। वहीम अब एक बार फिर से उन्होंने ओली से हाथ मिला लिया। बता दें कि पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ सरकार में छह गठबंधन शामिल है। जिसमें सीपीएन-यूएमएल के 78, माओवादी केंद्र के 32, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के 20, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के 14, जनता समाजवादी पार्टी के 12, जनमत पार्टी के 6 और नागरिक उन्मुक्ति पार्टी के चार सांसद हैं। तीन निर्दलीय विधायक भी प्रचंड का समर्थन कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने दी बधाई
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को प्रचंड को नेपाल का पीएम बनाए जाने पर बधाई दी है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा-हार्दिक बधाई @cmprachandaनेपाल के प्रधान मंत्री के रूप में चुने जाने पर। भारत और नेपाल के बीच अद्वितीय संबंध गहरे सांस्कृतिक जुड़ाव और गर्मजोशी से लोगों के बीच संबंधों पर आधारित है। मैं इस दोस्ती को और मजबूत करने के लिए आपके साथ मिलकर काम करने की आशा करता हूं।
Warmest congratulations @cmprachanda on being elected as the Prime Minister of Nepal. The unique relationship between India & Nepal is based on deep cultural connect & warm people-to-people ties. I look forward to working together with you to further strengthen this friendship.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 25, 2022
बता दें कि प्रचंड तीसरी बार नेपाल के पीएम बने है। उन्होंने 2008 से 2009 तक और फिर 2016 से 2017 तक नेपाल के प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया। वहीं एक बार फिर 2022 में प्रचंड की सरकार बनी है।
चीन से प्रेम
नेपाल के नए प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड का भारत के साथ हमेशा थोड़ा खट्टा, थोड़ा मीठा रिश्ता रहा है। इससे पहले भी प्रचंड दो बार नेपाल की सियासी कमान संभाल चुके हैं। उस दौरान उनका चीन से प्रेम किसी से नहीं छुपा था। इसके अलावा पिछले कार्यकाल के दौरान प्रचंड ने भारत को लेकर कई ऐसे बयान भी दिए, जो चुभने वाले थे। जब साल 2009 में प्रचंड के हाथों से सत्ता चली गई थी तो उसके पीछे भी उन्होंने भारत का हाथ बताया था।