NEET UG hearing in SC: नीट यूपी पेपर लीक मामले पर पूरे देश में हंगामा मच रहा है। एडमिशन के दावेदार और अन्य कैंडिडेट्स सड़कों पर हैं। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इसी दौरान मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नीट यूजी की परीक्षा दोबारा नहीं होगी। साथ ही कोर्ट ने कहा कि हमारे समक्ष प्रस्तुत सामग्री और आंकड़ों के आधार पर प्रश्नपत्र के व्यवस्थित लीक होने का कोई संकेत नहीं है, जिससे परीक्षा की शुचिता में व्यवधान उत्पन्न होने का संकेत मिले।
CJI ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG मामले पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान CJI ने कहा, 1 लाख 8 हजार सीटों के लिए 23 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स ने परीक्षा में हिस्सा लिया। इनमें 52 हजार निजी कॉलेजों और 56 हजार सरकारी कॉलेज में सीट हैं। परीक्षा में 180 प्रश्न होते हैं, जिनके कुल अंक 720 होते हैं और गलत उत्तर के लिए एक नकारात्मक अंक होता है। सीजेआई ने सबमिशन को दर्ज किया कि लगाए गए दो प्रमुख आरोप हैं कागजातों का लीक होना और व्यवस्थागत विफलता। याचिकाकर्ताओं ने सिस्टेमेटिक विफलता का सवाल उठाकर दोबारा परीक्षा की मांग की है। कई राज्यों में इसे लेकर FIR भी दर्ज हुई है।
नहीं होगी दोबारा नीट परीक्षा
इसके बाद कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, नीट यूजी की परीक्षा दोबारा नहीं होगी। CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि CBI की जांच अधूरी ही है, इसलिए हमने NTA से ये स्पष्ट करने को कहा था कि क्या गड़बड़ी बड़े पैमाने पर हुई है या नहीं। केन्द्र और NTA ने अपने जवाब में IIT मद्रास की रिपोर्ट का हवाला दिया है।
चीफ जस्टिस ने कहा कि हमारे सामने पेश सामग्री और आंकड़ों के आधार पर प्रश्नपत्र के व्यवस्थित लीक होने का कोई संकेत नहीं है, जिससे परीक्षा की शुचिता में व्यवधान उत्पन्न होने का संकेत मिले। इसके बाद SC ने नीट की दोबारा परीक्षा कराने से इनकार किया। कोर्ट ने कहा, जो तथ्य उसके सामने उपलब्ध है, उसके मद्देनजर दोबारा परीक्षा कराना न्यायोचित नहीं होगा।
…तो दागी छात्रों को अलग किया जाएगा
CJI ने कहा कि दागी छात्रों को बाकी छात्रों से अलग किया जा सकता है। यदि जांच में लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि का पता चलता है तो काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद किसी भी स्तर पर ऐसे किसी भी छात्र के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कोई भी छात्र जो इस धोखाधड़ी में शामिल पाया जाता है या लाभार्थी है, उसे प्रवेश पाने का अधिकार नहीं होगा। CBI की जांच के मुताबिक पेपर लीक की वजह से 155 ऐसे छात्र है जिन्हें गड़बड़ी का फायदा मिला है।
नए सिरे से परीक्षा कराने के निर्देश देना गंभीर परिणामों से भरा
CJI ने कहा, कोर्ट को लगता है कि इस साल के लिए नए सिरे से नीट यूजी परीक्षा आयोजित करने का निर्देश देना गंभीर परिणामों से भरा होगा, जिसका खामियाजा इस परीक्षा में शामिल होने वाले 24 लाख से अधिक स्टूडेंट्स को भुगतना पड़ेगा और प्रवेश कार्यक्रम में व्यवधान पैदा होगा, साथ ही मेडिकल एजुकेशन के सिलेबस पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा, भविष्य में योग्य डॉक्टरों की उपलब्धता पर असर पड़ेगा और वंचित समूह के लिए गंभीर रूप से नुकसानदेह होगा, जिसके लिए सीटों के आवंटन में रिजर्वेशन किया गया था।
IIT रिपोर्ट को लेकर कोर्ट ने यह कहा
कोर्ट ने अपने आदेश में उस सवाल को लेकर स्थिति साफ की, जिसके नए और पुराने सिलेब्स के आधार पर दो आंसर को सही मानकर नंबर दिए गए थे। कोर्ट ने कहा कि IIT की रिपोर्ट ने माना है कि विकल्प नंबर 4 सही है, हम IIT रिपोर्ट को स्वीकार करते हैं।
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कोर्ट ने माना लीक हुआ पेपर
CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि दलीलें 4 दिनों से अधिक समय तक सुनी गई हैं। हमने CBI के अधिकारी कृष्णा सहित सभी पक्षों को सुना है। हम मानते हैं कि NEET UG 2024 का पेपर हजारीबाग और पटना में लीक हुआ था, इस पर कोई विवाद नहीं है। मामले में जांच को CBI को सौंपे जाने के बाद, सीबीआई ने 10 जुलाई की तारीख वाली अपनी स्थिति रिपोर्ट दाखिल की है। कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में, मुख्य मुद्दों पर विचार करते हुए। NTA, केंद्र और CBI से हलफनामे मांगे थे। दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, बिहार, झारखंड में एफआईआर सीबीआई को हस्तांतरित किए जाने के बाद सीबीआई की भूमिका सामने आई है।