NEET PG Counseling: सुप्रीम कोर्ट ने NEET PG 2024 परीक्षा में राज्य स्तर पर तैयार की गई ‘इन सर्विस डॉक्टरों’ की मेरिट सूची को रद्द करने के मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी है। यह मामला सामान्यीकरण प्रक्रिया के तहत तैयार की गई राज्य मेरिट सूची से संबंधित है, जिसे हाईकोर्ट ने अमान्य करार दिया था।
क्या है मामला?
नीट पीजी 2024 (NEET PG Counseling) के तहत मध्य प्रदेश राज्य ने सामान्यीकरण प्रक्रिया अपनाकर ‘इन सर्विस डॉक्टरों’ के लिए एक अलग मेरिट सूची तैयार की थी। हाईकोर्ट ने इस सूची को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह प्रक्रिया उम्मीदवारों की वास्तविक योग्यता के बजाय तुलनात्मक योग्यता को दर्शाती है।
हाईकोर्ट ने सवाल उठाया था कि राष्ट्रीय रैंकिंग में उच्च स्थान प्राप्त करने वाले उम्मीदवार राज्य सूची में कैसे नीचे आ सकते हैं। इस फैसले को चुनौती देते हुए इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर संभाग के ‘इन सर्विस डॉक्टरों’ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
सुप्रीम कोर्ट का रुख
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगाते हुए कहा कि मामले में गहन जांच और विस्तृत सुनवाई की आवश्यकता है। अदालत ने यह भी माना कि यह मुद्दा न केवल संबंधित डॉक्टरों बल्कि समग्र चिकित्सा प्रणाली की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है।
सामान्यीकरण प्रक्रिया पर सवाल
NEET PG 2024 के तहत अपनाई गई सामान्यीकरण प्रक्रिया का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों और सेवाओं में काम करने वाले डॉक्टरों के बीच तुलनात्मक आधार पर मेरिट सूची तैयार करना था। हालांकि, यह प्रक्रिया सवालों के घेरे में आ गई, क्योंकि इससे उम्मीदवारों की वास्तविक योग्यता पर असर पड़ा। राष्ट्रीय स्तर की रैंकिंग और राज्य स्तर की मेरिट सूची में अंतर सामान्यीकरण के मानकों और प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा करता है।
‘इन सर्विस डॉक्टरों’ का पक्ष
राज्य सरकार द्वारा तैयार की गई सूची में ‘इन सर्विस डॉक्टरों’ को प्राथमिकता दी गई थी। इन डॉक्टरों का कहना है कि वे ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में सेवा देते हैं, और यह सामान्यीकरण प्रक्रिया उनके अनुभव और सेवा को ध्यान में रखकर बनाई गई थी।
अगली सुनवाई और संभावित फैसले
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले (NEET PG Counseling) की गहनता से जांच की जाएगी और इसे व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखा जाएगा। अगली सुनवाई में कोर्ट यह तय करेगा कि सामान्यीकरण प्रक्रिया कितनी वैध और पारदर्शी है।
क्या है NEET PG में सामान्यीकरण प्रक्रिया?
सामान्यीकरण प्रक्रिया का उद्देश्य उम्मीदवारों की योग्यता को विभिन्न क्षेत्रों और कार्य अनुभव के आधार पर तुलनात्मक रूप से आंकना है। हालांकि, यह प्रक्रिया थोड़ी जटिल है और इसमें पारदर्शिता बनाए रखना आवश्यक है।
इस प्रक्रिया के तहत उन डॉक्टरों को वरीयता दी जाती है, जो सरकारी सेवा में कार्यरत हैं और ग्रामीण या पिछड़े क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला ‘इन सर्विस डॉक्टरों’ के लिए एक राहतभरा कदम है। हालांकि, सामान्यीकरण प्रक्रिया और मेरिट सूची की पारदर्शिता पर सवाल कायम हैं।
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