तिरुवनंतपुरम। NEET Exam Controversy 17 जुलाई को संपन्न हुई नीट परीक्षा से अलग ही बवाल खड़ा हो गया है जहां पर परीक्षा से पहले होने वाली जांच में छात्रों को अपमान झेलना पड़ा जिसे लेकर केरल की उच्च शिक्षा मंत्री आर. बिंदू ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखकर कोल्लम जिले में नीट परीक्षा केंद्र में प्रवेश से पहले छात्राओं को अपने अंत:वस्त्र उतारने के लिए कथित तौर पर मजबूर करने वाली एजेंसी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
मंत्री ने पत्र में कही ये बात
केंद्रीय मंत्री को लिखे अपने पत्र में केरल की मंत्री ने रविवार को जिले के अयूर में एक परीक्षा केंद्र में नीट परीक्षा में बैठने वाली ‘‘छात्राओं की प्रतिष्ठा और मान-सम्मान पर सरासर हमले’’ की खबर पर ‘‘निराशा और हैरानी’’ जताई है। बिंदू ने कहा कि जिस एजेंसी को परीक्षा के संचालन का जिम्मा सौंपा गया था, उसने कथित तौर पर परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने से पहले लड़कियों को कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया, जिसका कारण सिर्फ उन्हें ही ज्ञात है। उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की अप्रत्याशित शर्मनाक और हैरान करने वाली घटनाओं से प्रतिभागियों का मनोबल और मानसिक संतुलन प्रभावित होता है जिसका असर उनके प्रदर्शन पर पड़ता है।’’ उन्होंने इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की जोरदार सिफारिश की और केंद्रीय मंत्री से मामले में दखल की मांग की। मंत्री ने कहा, ‘‘मैंने उन्हें पत्र लिखकर बताया है कि हम उस एजेंसी के इस तरह के अमानवीय व्यवहार का कड़ा विरोध करते हैं, जिसे केवल निष्पक्ष तरीके से परीक्षा आयोजित करने का काम सौंपा गया था।’’
जानें क्या था पूरा मामला
आपको बताते चलें कि, यह मामला सोमवार को तब सामने आया जब 17 वर्षीय एक लड़की के पिता ने मीडियाकर्मियों को बताया कि उनकी बेटी नीट परीक्षा में बैठी थी और अब तक वह सदमे से उबर नहीं पाई है, जिसमें उसे परीक्षा के लिए तीन घंटे से अधिक समय तक बिना अंत:वस्त्र के बैठना पड़ा था। लड़की के पिता ने एक टीवी चैनल को बताया था कि उनकी बेटी ने नीट बुलेटिन में उल्लिखित ड्रेस कोड के अनुसार ही कपड़े पहने थे। घटना की निंदा करते हुए विभिन्न युवा संगठनों ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। केरल पुलिस ने लड़की की शिकायत के आधार पर घटना में कथित रूप से शामिल जांचकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस मामले में चादमंगलम के केंद्र, मार्थोमा इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने किसी भी जिम्मेदारी से इनकार किया है।