Indian Science विश्व द्वारा राइट बंधुओं के विमान और न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के नियम तथा जॉन डाल्टन के परमाणु सिद्धांत को जानने से हजारों साल पहले भारत में आविष्कार और वैज्ञानिक अवधारणाएं थीं। यह बात भोपाल में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को यहां 8वें भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव को संबोधित करते हुए कही। इस दौरान उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वैज्ञानिक सोच और उनके नेतृत्व के लिए प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि हमारे पास वैज्ञानिक क्षमता तो थी लेकिन नेतृत्व की कमी थी, जो अब नहीं है। चार दिवसीय महोत्सव के उद्घाटन भाषण में चौहान ने कहा कि राइट ब्रदर्स ने 1919 में विमान का खाका बनाया, लेकिन भारत के पौराणिक ग्रंथ रामायण में लगभग सात हजार साल पहले उड़ने वाले पुष्पक विमान का उल्लेख है। प्रांतीय राजधानी भोपाल में पहली बार हो रहे विज्ञान महोत्सव में देश के विभिन्न अंचल से आठ हजार से अधिक प्रतिनिधियों के शामिल होने की उम्मीद है।
इस महोत्सव का मुख्य विषय ‘विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के साथ अमृत काल की ओर अग्रसर’ है। उन्होंने कहा, ‘मैं गर्व के साथ कहता हूं कि जॉन डाल्टन के परमाणु सिद्धांत से 2,000 साल पहले महर्षि कणाद परमाणु सिद्धांत लेकर आए थे। हो सकता है कि बच्चे महर्षि कणाद के बारे में नहीं जानते हों, लेकिन आपको पता होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यूटन से सदियों पहले, भारत के भास्कराचार्य ने पाया था कि पृथ्वी तेजी से खगोलीय पिंडों को आकर्षित करती है।
सीएम ने कहा कि अथर्ववेद के प्राचीन ग्रंथ में बुखार और खांसी जैसे लक्षणों वाले रोगों का इलाज है, जबकि चरक संहिता और सुश्रुत संहिता आधुनिक चिकित्सा और सर्जरी की नींव हैं। सुश्रुत एक सर्जन थे। और दावा किया कि तब प्लास्टिक सर्जरी प्रचलित थी। यह मैं नहीं कह रहा, दुनिया कह रही है। मेलबर्न के रॉयल ऑस्ट्रेलियन कॉलेज ऑफ सर्जरी में आज भी महर्षि सुश्रुत की मूर्ति है। लोगों को यह नहीं सोचना चाहिए कि भारत ने पश्चिम से विज्ञान को अपनाया है।