एनसीपीसीआर ने दिल्ली के दो शिशु देखभाल संस्थानों में जेजे कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया

नयी दिल्ली, चार जनवरी (भाषा) राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने सोमवार को कहा कि उसे दिल्ली में एनजीओ संचालित दो शिशु देखभाल संस्थानों के निरीक्षण के दौरान किशोर न्याय (जेजे) अधिनियम तथा अन्य अनेक अनियमितताओं के कई उल्लंघनों का पता चला।
एनसीपीसीआर ने ‘सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज’ द्वारा दक्षिण दिल्ली में लड़कों के लिए स्थापित ‘उम्मीद अमन होम’ और बालिकाओं के लिए बनाये गये ‘खुशी रैंबो होम’ में जेजे कानून के उल्लंघन में संबंध में प्राप्त शिकायत का संज्ञान लिया था।
एनसीपीसीआर ने अपनी निरीक्षण रिपोर्ट में कहा कि लड़कों के देखभाल केंद्र में बच्चों के यौन उत्पीड़न की बात सामने आई। सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज (सीईएस) के ट्रस्टी सदस्य हर्ष मंदर ने आरोपों को अनुचित बताया है।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमने बहुत मजबूत तंत्र बनाया है। जहां बच्चों के साथ बुजुर्ग महिलाएं रहती हैं। यह आरोप है और अफवाह मात्र है।’’
आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वह इन केंद्रों में रहने वाले बच्चों की दयनीय हालत को देखकर और इनके प्रबंधन के लापरवाही पूर्ण रवैये को देखकर दु:खी हैं।
एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो के नेतृत्व में दो दलों का गठन किया गया था जिन्होंने एक अक्टूबर, 2020 को इन केंद्रों का निरीक्षण किया था।
एनसीपीसीआर ने कहा कि उसने सिफारिश की है कि दिल्ली सरकार का महिला और बाल विकास विभाग इस संस्था के खिलाफ उचित कार्रवाई करे और नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करे।
भाषा वैभव देवेंद्र
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