Naxalism in Bijapur: बस्तर में नक्सलियों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ बीजापुर बंद का आह्वान किया है. इसको लेकर 4 दिन पहले ही पश्चिम बस्तर डिवीजन कमेटी के सचिव मोहन ने एक पर्चा भी जारी किया था
जिसमें धमकी दी गई थी, साफ दौर पर लिखा गया था कि अगर दुकानें खुली रहीं, गाड़ियां चलीं तो इसके जिम्मेदार लोग खुद ही होंगे.
नक्सलियों के बंद को लेकर बस्तर में पुलिस फोर्स भी अलर्ट मोड पर है पर इसके पीछे की असली वजह कुछ और है, जानते है क्या है इस बंद के पीछे नक्सलियों की साजिश ?
क्या लिखा पर्चे में
जो पर्चा जारी हुआ था उसमें लिखा गया था कि, आदिवासियों की मौत की जिम्मेदार सरकार क्यों मौन है, क्या सरकार लगातार पुलिस की बदसलूकी पर कुछ नहीं बोलेगी. ऐसे ही नरसंहार जारी रहेगा. ये आदिवासियों को बाहर करने की रणनीति है
क्या है पूरा मामला
नक्सली लीडर दावा करते हैं कि बीजेपी की सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही बस्तर के बीजापुर (Naxalism in Bijapur) में नरसंहार जारी है.
पुलिस ने 3 महीने के अंदर 15 बेकसूर आदिवासियों को मारा है और ये सिलसिला खत्म नहीं हो रहा है. सरकार का रवैया सख्त बना हुआ है.
इसलिए सरकार के खिलाफ अब माओवाद पार्टी 30 मार्च को बीजापुर जिला बंद का आह्वान कर रही है पर ये सिक्के का एक पहलू है. कहानी कुछ और भी है.
बस्तर में खुल रहे कैंप का विरोध
नक्सली लीडर लगातार बस्तर का में खुल रहे कैंपों का विरोध कर रहे है. इनका मानना है कि प्रदेश में जब से बीजेपी की सरकार आई है तब से अब तक सैकड़ों कैंप खोले गए हैं.
बस्तर के जल-जंगल-जमीन को कॉर्पोरेट घरानों को बेचा जा रहा है. नरसंहार जारी है. आदिवासियों को बाहर करने की रणनीति है.
पुलिस अलर्ट मोड पर
जहां नक्सलियो ने बंद का आयोजन किया वहीं पुलिस भी इसको लेकर चौकस है. इस बंद को देखते हुए बीजापुर में पुलिस भी अलर्ट मोड पर है.
लोकसभा चुनाव से पहले कोई बड़ी वारदात न हो, इसके लिए हर रोज जवानों को भी सर्च ऑपरेशन पर भेजा जा रहा है.
3 दिन पहले नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए सर्च ऑपरेशन में पुलिस ने 3 नक्सलियों को ढेर किया था.
यह भी पढ़ें..