Shardiya Navratri 2022 : 25 सितंबर को सर्व पितृ अमावस्या के navratri date 2022 साथ ही पितृपक्ष की समाप्ति हो जाएगी। इसके बाद आने वाले हैं मां दुर्गा के दिन। जी हां 26 सितंबर से मां दुर्गा गज यानि हाथी पर सवार होकर आ रही हैं। इसके लिए मंदिरों और सार्वजनिक स्थलों पर पंडाल सज गए हैं।
पर क्या जानते हैं माता की आराधना में पूजा के नियमों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। अगर आपने ऐसा नहीं किया तो आपको गंभीर परिणाम झेलने पड़ सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इस दौरान पूजा विधि के क्या नियम हैं इन्हें करते समय किन किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
इस बार की नवरात्रि खास होने वाली हैं। navratri 2022 puja niyam क्योंकि इस बार मैया गजराज पर सवार होेकर आएंगी। यानि मां लक्ष्मी के hindi news रूप में इस बार उनका आगमन हो रहा है। इतना ही नहीं इस बार कोई भी तिथि घट बढ़ नहीं रही हैं इसलिए पूरे नौ दिन की नवरात्रि मनाई जाएगी। ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार इस बार मां शारदा के दिन बेहद खास होने वाले हैं इतना ही नहीं इस दिन ग्रहों की स्थिति भी बेहद खास होगी।
शुरूआत होगी मां शैलपुत्री के पूजन से – maa shailpurtri
पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार इस बार की मां दुर्गा की सवारी गजराज होंगे। गज यानि हाथी पर बैठी मां लक्ष्मी का प्रतीक होती हैं।
ग्रहों की स्थिति बेहद खास, केंद्र में होंगे गुरू guru ka gochar
आपको बता दें जिस दिन मां आ रही हैं उस दिन सोमवार है। साथ ही इस दिन गुरू अपनी स्वराशि यानि केंद्र में और शुक्र के नीच राशि में होने के कारण तंत्र साधना के लिए ये समय बेहद खास माना जा रहा हैै। केंद्र यानि गुरू अपने घर में होने से धार्मिक कार्यों में वृद्धि कराएंगे।
पूरे नौ दिन की होगी नवरात्रि – navratri ke nav din
इस बार की नवरात्रि की खासियत है कि पूरे नौ दिन शारदीय नवरात्रि की पर्व मनाया जाएगा। तिथियों का घटबढ़ नहीं होगा। बस दसवीं तिथि नवमीं तिथि की दोपहर 1ः20 से लग जाएगी। जो 5 अक्टूबर की सुबह 10ः57 तक रहेगी। जिसके चलते दशहरा पूजन 4 अक्टूबर की रात को हो सकेगा। तो वहीं प्रतिमा विसर्जन 5 अक्टूबर को होगा।
शुभ मुहूर्त – शारदीय नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त (Shardiya Navratri 2022 Ghatasthapana Muhurat),
चौघड़िया के अनुसार शुभ मुहूर्त –
सिंह लग्न – सुबह 6ः00-7ः30 बजे तक
वृश्चिक लग्न – 9ः53-12ः09 बजे तक
कुंभ लग्न – 4ः05 – 5ः30 बजे तक
वृषभ लग्न – 8ः38 – 10ः34 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त – 11ः30 से 12ः15 बजे तक
शारदीय नवरात्रि घटस्थापना पूजा विधि (Shardiya Navratri Ghatasthapana Puja Vidhi),
जहां मैया की स्थापना करनी है उस स्थान को अच्छी तरह से साफ करके वहां आटे से चौक बनाएं। उस पर एक लकड़ी पटा या चौकी रखकर उस पर साफ लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। इस पर चावल की ढेरी लगाकर एक तांबे का लोटा रखें। लोटे के ऊपर आम के पत्ते रखकर उसमें कलावा बांधने लोटे में हल्दी की गांठ सुपारी और पैसा डालें। अब उस लौटे के ऊपर एक और पात्र रखकर उस पर चावल की कटोरी रखें। फिर इसमें कटोरी पर नारियल रखें। अंदर का लाल रंग का कपड़ा दिखाएं। उस पर एक लाल चमकीला कपड़ा बिछाएं।
क्या हैं दीपक जलाने के नियम – शारदीय नवरात्रि 2022 ((Shardiya Navratri 2022 diya jalane ke niyam)
आपको बता दें जब भी पूजन में दीपक जलाएं तो इसके लिए एक नियम होता है। मां की पूजा में आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना है कि आप जब भी दीपक जलाए वह हमेशा भगवान के दांयी ओर यानि हमारे बांई ओर होना चाहिए।
दूसरा नियम ये है कि जब भी दीपक जलाएं उसमें हमेशा दो या चार बाती होनी चाहिए।
पूजन में कभी भी कलश में एक बाती वाले वाला दीपक अशुभता का सूचक होता है। ये दीपक अशुभ कामों में जलाया जाता है।
दीपक हमेशा पूर्व दिशा की ओर जलाया चाहिए।
दीपक दो बाती वाला होना चाहिए।
पूरे दिन होगी मां की आराधना –
- 26 सितंबर पहला दिन – सोमवार मां शैलपुत्री
- 27 सितंबर दूसरा दिन – मंगलवार मां ब्रह्मचारिणी
- 28 सितंबर तीसरा दिन – मां चंद्रघंटा
- 29 सितंबर चौथा दिन – मां कूष्ठमांडा
- 30 सितंबर पांचवा दिन – मां स्कंदमाता ‘
- 1 अक्टूबर छटवां दिन – मां कात्यायनी
- 2 अक्टूबर सातवां दिन – मां कालरात्रि
- 3 अक्टूबर आठवां दिन – मां महागौरी
- 4 अक्टूबर नवमां दिन – मां सिद्धिदात्री
- 5 अक्टूबर दशहरा
घटस्थापना पूजन सामग्री (Ghatasthapana Pujan Samagri)
- सप्त धान्य के लिए साफ मिट्टी
- 7 अलग-अलग तरह के अनाज
- छोटा मिट्टी या पीतल का घड़ा
- कलश को भरने के लिए गंगा जल
- कलावा
- इत्र
- सुपारी
- कलश में रखने के लिए सिक्का
- आम या अशोक के 5 पत्ते
- कलश को ढकने के लिए एक ढक्कन
- अक्षत
- बिना छिला हुआ नारियल
- नारियल को बांधने के लिए लाल कपड़ा
- गेंदे के फूल
- दूर्वा घास
नोट: इस लेख में दी गई सभी सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने के पहले विशेषज्ञों की सलाह जरूर ले लें।
Shardiya Navratri 2022 : मां दुर्गा सप्तशती पाठ कैसे करें, ताकि बरसे मां दुर्गा की कृपा
Navratri 2022 Date : नवरात्रि में हवन करने का सही तरीका क्या है, यहां जानें, मंत्र, विधि
Pitru Paksha 2022 : महालया अमावस्या कब, जानें डेट, मुहूर्त और महत्व