नई दिल्ली। गर्मी सारे रिकार्ड Nautapa (Rohini Nakshatra) 2022 तोड़ रही है। ऐसे में आपको और Nautapa (Rohini Nakshatra) 2022 kya karen kya nahi अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। क्योंकि चार दिन बाद Astrology यानि 25 मई से नौ तपा dharmik news शुरू हो रहे हैं। आपको बता दें धर्म शास्त्र में जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है तबसे नौ तपा प्रारंभ होते हैं। Nautapa (Rohini Nakshatra) Date Time 2022 ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं तब वे अपनी पूरी सामर्थ के साथ किरणें छोड़ते हैं। इस दौरान इनकी तपिश सबसे अधिक होती है। इसलिए इस दौरान सबसे अधिक सतर्क रहने की जरूरत होती है। आइए जानते हैं कि नौतपा में क्या करें और क्या न करें।
8 जून तक रोहिणी में रहेंगे सूर्य —
ज्योतिषाचार्यों की मानें तो सूर्य सूर्य 25 मई को रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। इसके बाद ये 08 जून तक इसी स्थिति रहेंगे। लेकिन नौतपा की समाप्ति 02 जून को हो जाएगी। 25 मई दिन बुधवार को सुबह 08 बजकर 16 मिनट पर सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश होगा। सूर्य देव 08 जून दिन बुधवार को सुबह 06 बजकर 40 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र से बाहर हो जाएंगे।
नौतपा में क्या करें और क्या नहीं —
नौतपा में क्या न करें –
- चूंकि नौतपा के 09 दिनों में आंधी, तूफान की आशंकी होती है इसलिए इस दौरान ऐसे में शादी, मुंडन या अन्य मांगलिक कार्यों को करने से बचना चाहिए।
- नौतपा में सूर्य की अपना प्रचंड रूप दिखाते हैं। इसलिए इस दौरान यात्रा करने से बचना चाहिए। अन्यथा स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आ सकती हैं।
- जहां तक संभव हो इस दौरान भोजन में तेल, मसाला, गरिष्ठ भोजन के सेवन से बचना चाहिए। इन दिनों ज्यादा भोजन करना भी हानिकारक है।
- नौतपा के दौरान मांसाहार या तामसिक भोजन न करें। ये आपकी सेहत बुरा असर पड़ सकता है।
नौतपा में क्या करें –
- आसानी से पच सके इसके लिए इस दौरान हल्का और सुपाच्य भोजन करें।
- जहां तक हो सके, पानी का अधिक से अधिक सेवन करें। ताकि आप डिहाइड्रेशन का शिकार न हों।
- जिस तरह इंसान को पानी की इस समय अधिक आवश्यकता होती है उसी तरह पशु—पक्षियों के लिए जल की व्यवस्था करें। इसलिए खुले में या छत पर खुले में पक्षियों के लिए दाना पानी रखें।
- लोगों को ठंडा पानी पिलाने की व्यवस्था करें। इसके लिए घर के बाहर मिट्ठी के घड़े और पानी की व्यवस्था की जा सकती है। ज्योतिष शास्त्र में जेठ माह में जल का दान सबसे बड़ा दान माना गया है।
- इस दौरान पेड़ पौधों को भी पानी की अधिक आवश्यकता होती है। इसलिए उनके लिए भी पर्याप्त पानी देते रहें। हरे पेड़ पौधों की सेवा करने से ग्रह दोष दूर होते हैं।
- जल मात्रा से भरपूर फलों का दान इस महीने में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इसलिए जहां तक संभव हो पानी की अधिक मात्रा वाले फलों का दान जरूर करें। पंखे का दान भी अच्छा माना जाता है।