नई दिल्ली। इस साल पड़ी भीषण गर्मी नेNautapa (Rohini Nakshatra) Date Time 2022 सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। तो जरा सोचिए जब Rohini Nakshatra me surya नौतपा आएंगे तो क्या होगा। आपको बता दें हर साल नौतपा 25 से शुरू होते हैं पर क्या आप जानते हैं rohini nakshatra 2022 कि ये नौतपा 25 मई से ही क्यों शुरू होते है। और इसका वैज्ञानिक कारण है। चलिए जानते हैं।
नौतपा का वैज्ञानिक तथ्य
साथ ही वैज्ञानिक मतानुसार नौतपा के दौरान सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर पड़ती हैं। जिसके चलते इस बीच तापमान सबसे ज्यादा होता है। आपको बता दें जब गर्मी अधिक होती है तो जो मैदानी क्षेत्रों हैं वहां पर निम्न दबाव का क्षेत्र बनने लगता है। यही क्षेत्र समुद्र की लहरों को आकर्षित करता है। जिसके चलते ठंडी हवाएं मैदानों की ओर बढ़ती हैं। चूंकि समुद्र को उच्च दबाव वाला क्षेत्र माना जाता है इसलिए हवाओं का रुख से अच्छी बारिश का अंदाजा लगाया जाता है। मई के आखिरी सप्ताह में सूर्य और पृथ्वी के बीच दूरी सबसे कम हो जाती है और इससे धूप और तेज हो जाती है।
रोहिणी नक्षत्र से नौतपा होता है शुरू —
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार रोहिणी नक्षत्र में जब सूर्य का प्रवेश होता है तब यह स्थिति नवतपा कहलाती है। आपको बता दे ये हर साल 25 मई से ही शुरू होते हैं। बस इनका समय परिवर्तित हो जाता है। नवतपा 25 मई से शुरू होकर 2 मई तक चलेंगे। रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही सूरज अपने प्रचंड रूप के दर्शन कराने लगते हैं। जिससे धरती का तापमान तेजी से बढ़ने लगता है।
दोपहर 4 बजे से शुरू हो जाएंगे नौतपा —
आपको बता दें इस साल यानि वर्ष 2022 में सूरज 25 मई को दोपहर 4 बजे के बाद रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा तभी से नौतपा शुरू हो जाएंगे। जो 2 जून तक चलेंगे। आपको बता दें इस दौरान सूर्य, मंगल, बुध का शनि से समसप्तक योग होने से भी धरती के तापमान में इजाफा होता है।
साल में एक बार सूरज पर पड़ती है रोहिणी नक्षत्र की नजर —
आपको बता दें साल में एक बार रोहिणी नक्षत्र की दृष्टि सूर्य पर पड़ती है। इसके बाद यह नक्षत्र 15 दिन रहता है। लेकिन आपको बता दें इसके शुरू होने के पहले चन्द्रमा जिन 9 नक्षत्रों पर रहता है वह दिन नौतपा कहलाते हैं। इसका कारण इन दिनों में गर्मी अधिक रहती है। चूंकि मई के आखिरी सप्ताह में सूर्य और पृथ्वी के बीच दूरी कम हो जाती है और इससे धूप और तेज हो जाती है।
इस अंश पर होता है सूर्य —
आपको बता दें जेठ के महीने में सूर्य के वृष राशि के 10 अंश से 23 अंश 40 कला तक नौतपा कहलाता है। इस समय तेज गर्मी बारिश के अच्छे योग बताती है। यदि तपन कम होती है तो समझो बारिश कम होगी। ऐसा माना जाता है।
यदि इस नक्षत्र में हुई बारिश तो कम बारिश के योग —
ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष में आद्रा नक्षत्र से लेकर दस नक्षत्रों तक यदि बारिश हो तो वर्षा ऋतु में इन दसों नक्षत्रों में बारिश नहीं होती। लेकिन यदि इन्हीं नक्षत्रों में तीव्र गर्मी पड़ जाए तो समझो उस साल बारिश जमकर होगी।
ज्योतिष में नौतपा की परिभाषा —
आपको बता दें भारतीय ज्योतिष में जब चंद्रमा ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष में आर्द्रा से स्वाति नक्षत्र तक अपनी स्थितियों में हो एवं तीव्र गर्मी पड़े, तो इस स्थिति को नौतपा कहते हैं। रोहिणी के दौरान अगर बारिश हो जाती है तो इसे रोहिणी नक्षत्र का गलना भी कहा जाता है। इसे तपों का चूना भी कहते हैं।
सूर्य पर रोहिणी नक्षत्र का असर-
सूर्य तेज और प्रताप का प्रतीक है जबकि चंद्रमा शीतलता का। रोहिणी नक्षत्र का मुख्य रूप से अधिपति ग्रह चंद्रमा ही है। तो सूर्य जब चंद्रमा के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है तो सूर्य इस नक्षत्र को अपने प्रभाव में ले लेता है। इससे रोहिणी नक्षत्र का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में आने से तापमान बढ़ने के कारण धरती पर आंधी, तूफान आने की संभावना बढ़ जाती है।
कहा जाता है कि
ज्येष्ठ मासे सीत पक्षे आर्द्रादि दशतारका।
सजला निर्जला ज्ञेया निर्जला सजलास्तथा।।