National Vaccination Day 2024: हर साल 16 मार्च को राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाया जाता है. यह दिन जीवन में घातक बीमारियों से निपटने में टीकाकरण (vaccine) के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।
और इस साल राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस “टीके सभी के लिए काम करें” यानि “Vaccines Work For All” की थीम पर मनाया जाएगा.
आज हम आपको राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के महत्व और इतिहास के बारे में बताएंगे.
National Vaccination Day का इतिहास
राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस की स्थापना 1955 में भारत में पल्स पोलियो टीकाकरण (vaccine) कार्यक्रम की शुरुआत के साथ की गई थी।
विश्व स्वास्थ्य (Health) संगठन की एक वैश्विक पहल के हिस्से के रूप में, मौखिक पोलियो वैक्सीन की पहली खुराक 16 मार्च 1995 को दी गई थी।
दो बूंद जिंदगी की के नाम से मशहूर इस अभियान ने भारत में पोलियो को सफलतापूर्वक खत्म कर दिया, जिससे 2014 में देश को पोलियो मुक्त घोषित कर दिया गया।
National Vaccination Day का महत्व
संक्रामक रोगों को रोकने के लिए टीकाकरण (vaccine) आवश्यक है और राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस का उद्देश्य खसरा, इन्फ्लूएंजा और पोलियो जैसी बीमारियों को रोकना है।
टीका लगवाने से न केवल आपकी सुरक्षा होती है बल्कि आपके आस-पास के लोगों की सुरक्षा भी बढ़ती है। टीकाकरण से वैश्विक महामारी को रोका जा सकता है और बीमारियों को खत्म किया जा सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में हमारे देश में लगभग 324 मिलियन बच्चों को एमआर (Doctor) टीका लगाया गया है।
टीकाकरण एक ऐसी विधि है जो बीमारियों के प्रसार को प्रभावी ढंग से रोकती है और संक्रमित व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाती है।
नवजातों शिशुओं के लिए टिके
बीसीजी का टीका शिशुओं को तब दिया जाता है जब वे पैदा होते हैं या जब वे एक वर्ष के हो जाते हैं ताकि उन्हें टीबी नामक बीमारी से बचाया जा सके जो उन्हें बीमार कर सकती है। ]
यह लेफ्ट कंधे में टिका लगया जाता है। अन्य टीकों के साथ-साथ हेपेटाइटिस बी का टीका भी बच्चों को जन्म के समय या जन्म के 24 घंटे के भीतर दिया जाता है।
यह टीका उन्हें हेपेटाइटिस बी नामक एक अन्य बीमारी से बचाने में मदद करता है और इसे बच्चे की जांघ में दिया जाता है।