2030 तक 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा
भारत में कितनी है ऊर्जा की क्षमता
ऊर्जा संरक्षण दिवस पर भारत में ऊर्जा की क्षमता पर बात करें तो, 424 गीगावॉट बिजली उत्पादन क्षमता है जिसमें गैर-जीवाश्म ईंधन से लगभग 180 गीगावॉट शामिल है और अन्य 88 गीगावॉट पर काम चल रहा है। दुनिया के मुकाबले भारत में नवीकरणीय ऊर्जा का स्तर ऊंचा है इसलिए इसकी पिछले वित्तीय वर्ष (2022-23) में 15 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा जोड़ी, जिसे 2023-24 में 25 गीगावॉट और 2024-25 में 40 गीगावॉट तक बढ़ाया जाएगा।दुनिया की आबादी का 17 प्रतिशत हिस्सा होने के बावजूद, भारत वैश्विक कार्बन डाइऑक्साइड भार में केवल 4 प्रतिशत का योगदान देता है।
2030 तक ये लक्ष्य होगा हासिल
मध्यप्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा में कितनी बढ़ोत्तरी
ऊर्जा संरक्षण दिवस पर मध्यप्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा को लेकर बात करें तो, हरित उर्जा को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे है। इसमें मध्यप्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि, प्रदेश को हरित ऊर्जा से जोड़ें और नवीकरणीय एनर्जी को बढ़ावा दें। यहां पर नीतियां बनाई गई है जिन पर कार्य किया जा रहा है।
1- मध्य प्रदेश सरकार (जीओएमपी) जलवायु के वर्तमान और संभावित प्रभाव को पहचानती है परिवर्तन और दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा और इन चुनौतियों से निपटने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है, यह प्रदेश के लिए संतुलित प्रयास है।
2- 2070 तक नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य को साधने और शून्य उत्सर्जन करने के लिए सैकड़ों गीगावाट की आवश्यकता होगी। इतना ही नहीं 14 से 17 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के करीब इस पर निवेश किया जाएगा ताकि, लक्ष्य को आसानी से हासिल कर सकें।
3- नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार, राज्य में 820 मेगावाट लघु पनबिजली, 11 गीगावॉट पवन, 61 गीगावॉट सौर और 11 गीगावॉट बायोमास ऊर्जा की क्षमता है। राज्य नवीकरणीय ऊर्जा के विकास को बढ़ावा देने के लिए अच्छी स्थिति में है।
4- राज्य में तवा, नर्मदा, चंबल और ताप्ती जैसी विशाल नदियाँ बहती हैं जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा के लिए काफी है इसके लिए सौर क्षमता 6.2 KWh/sq.m./दिन तक है। मप्र में लगभग 3000 मेगावाट की सकल पवन क्षमता मौजूद है। बायोमास से भी प्रदेश 400 मेगावाट ऊर्जा बढ़ाने की संभावना है।
5- मध्य प्रदेश ने पड़ोसी राज्यों को 2030 तक नवीकरणीय स्रोतों से 20,000 मेगावाट (मेगावाट) हरित बिजली की आपूर्ति करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें चंबल क्षेत्र में सौर ऊर्जा संयंत्र का निर्माण भी शामिल है।
6- मध्य प्रदेश ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर का हिस्सा है। इसमें विभिन्न स्रोतों से लगभग 30 गीगावॉट की कुल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता है जिसे बढ़ाया जाना जरूरी है। राज्य में प्रमुख खिलाड़ी महिंद्रा सस्टेन, स्प्रंग एनर्जी, एथेना, एसीएमई सोलर, अवाडा, ग्रीनको, ओ2 पावर प्राइवेट लिमिटेड, एनटीपीसी लिमिटेड, सोलर एराइज, टाटा पावर, आईनॉक्स विंड, क्षेमा पावर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड हैं।
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