National Edible Oil- Palm Oil Mission: मंत्रिमंडल में राष्ट्रीय खाद्य तेल- पॉम तेल मिशन को मिली मंजूरी, 11,040 करोड़ रुपये खर्च करेगी सरकार
नई दिल्ली। सरकार ने खाद्य तेलों के आयात पर देश की निर्भरता को कम करने के लिये बुधवार को 11,040 करोड़ रुपये के राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन- आयल पॉम को मंजूरी दे दी। इसके तहत अगले पांच साल के दौरान देश में पामतेल की खेती को प्रोत्साहित किया जायेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर 15 अगस्त को लाल किले से देश को संबोधित करते हुये इस नई केन्द्रीय योजना की घोषणा की थी जिसे आज केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने अपनी मंजूरी दे दी। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने यहां संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा कि मंत्रिमंडल ने पूर्वोत्तर क्षेत्र और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन- आयल पॉम (एनएमईओ-ओपी) को मंजूरी दी है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन–पाम ऑयल के क्रियान्वयन को दी स्वीकृति।
इस योजना के लिये 11,040 करोड़ रुपये का वित्तीय परिव्यय निर्धारित किया गया है, योजना का मुख्य उद्देश्य देश में खाद्य तेलों के उत्पादन में तेजी लाना है। pic.twitter.com/iQtoVXWaBM
— Narendra Singh Tomar (@nstomar) August 18, 2021
उन्होंने कहा कि खाद्य तेलों के आयात पर बढ़ती निर्भरता के कारण खाद्य तेलों के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रयास करना महत्वपूर्ण है। इसमें पाम तेल की खेती का बढ़ा रकबा और उत्पादकता को बढ़ाना, महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। उन्होंने कहा कि नयी केंद्रीय योजना को 11,040 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ मंजूरी दी गई है।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस मिशन के बारे में कहा कि एनएमईओ-ओपी योजना के तहत सरकार पाम तेल उत्पादकों को मूल्य का आश्वासन देगी। कृषि मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने केंद्रीय योजना के तहत रोपण सामग्री के लिए पाम तेल उत्पादकों को दी जाने वाली सहायता को 12,000 रुपये प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 29,000 रुपये प्रति हेक्टेयर कर दिया है।
तोमर ने कहा कि पाम तेल की खेती के लिए रोपण सामग्री की कमी को दूर करने के लिए केंद्र एनएमईओ-ओपी के तहत 15 हेक्टेयर के लिए एक करोड़ रुपये तक की सहायता देगा।