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Narrow Gauge Train : राजवंश की यह ऐतिहासिक ट्रेन फिर दौड़ सकती है पटरी पर, अभी है किस्सों-कहानियों का हिस्सा

Narrow Gauge Train : राजवंश की यह ऐतिहासिक ट्रेन फिर दौड़ सकती है पटरी पर, अभी है किस्सों-कहानियों का हिस्सा, This historical train of Scindia dynasty can run again on the track, it is still a part of stories

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Bansal News
Narrow Gauge Train : राजवंश की यह ऐतिहासिक ट्रेन फिर दौड़ सकती है पटरी पर, अभी है किस्सों-कहानियों का हिस्सा

Narrow Gauge Train : राजा-महाराजाओं से समय में छोटी और संकरी पटरियों पर दौड़ने वाली सिंधिया राजवंश की यह ऐतिहासिक नैरोगेज ट्रेन एक बार फिर पटरी पर दौड़ सकती है। इस बात की पुष्टि खुद रेवले के अधिकारियों ने की है। रेलवे सूत्रों के मुताबिक रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि ग्वालियर में सिंधिया राजघराने द्वारा राजा-महाराजाओं के आवागमन के लिए चलाई गई नौरोगेज ट्रेन को एक बार फिर संचालित किए जाने का फैसला लिया गया है। इसके लिए सर्वे की प्रक्रिया भी पूरी की जा चुकी है। यदि सब कुछ ठीक-ठाक चला तो जल्द ही यह ट्रेन एक बार फिर किस्से-कहानियों से बाहर निकलकर छोटी पटरियों पर दौड़ेगी।

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दरअसल, इस ग्वालियर नैरोगेज ट्रेन का संचालन 1910 में सिंधिया राजवंश द्वारा किया गाया था। इस ट्रेन का संचालन किए जाने के लिए 1895 में पटरियों को बिछाए जाने का काम शुरू किया गया था। शुरुआत में ट्रेन के लिए भाप के इंजिन द्वारा खींचा जाता था। बाद में डीजल इंजिन की मदद ली जाने लगी। सबसे पहले ट्रेन लगभग 400 किलोमीटर की रेलवे लाइन पर ग्वालियर से भिंड-श्योपुर-शिवपुरी तक चलाई जाती थी। लेकिन बाद में इसकी दूरी ग्वालियर से श्योपुर तक 200 किलोमीटर कर दी गई। करीब 100 वर्ष तक अपनी सेवाएं देने के बाद इस ट्रेन को बंद कर दिया गया था। किए जाने का निर्णय लिया गया था, जिसके बाद से ट्रेन रेलवे यार्ड में खड़ी हुई है।

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बता दें कि सिंधिया राजघराने के महल से ही संचालित किए जाने वाली इस नैरोगेज ट्रेन में 5 से लेकर 8 डिब्बे हुआ करते थे। उस वक्त का दौर कुछ इस तरह का था कि तब यात्रियों की संख्या अधिक हो जाने पर लोग इस ट्रेन की छत पर भी बैठकर सफर कर लिया करते थे। कुछ इसी तरह के किस्से-कहानियां इस ट्रेन को लेकर अब भी सुनाई जाती हैं। अब एक बार फिर इस नैरोगेज ट्रेन के संचालन को लेकर रेलवे प्रवक्ता मनोज कुमार सिंह ने जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि नैरोगेज के स्थान पर ब्रॉडगेज की पटरियों को बिछाने का काम शुरू कर दिया गया है, लेकिन फिर से नैरोगेज ट्रेन को चलाए जाने के लिए चर्चा की गई है। इसके लिए सर्वे भी कर लिया गया है।

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