रोचक किस्सा : जब एक थानेदार ने दिग्विजय सिंह के लिए रोक दी थी नरेन्द्र मोदी की कार

रोचक किस्सा : जब एक थानेदार ने दिग्विजय सिंह के लिए रोक दी थी नरेन्द्र मोदी की कार

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह और पीएम मोदी के बीच की अदावत को पूरा देश जानता है। देश की राजनीति में दिग्गी राजा के नाम से मशहूर दिग्विजय अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में बने रहते है। तो वही वर्तमान में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी दिग्विजय को कई बार निशाना बना चुके है। दोनों के बीच कटुता उस समय से चली आ रही है जब दिग्विजय सिंह मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री हुआ करते थे और मोदी बीजेपी के प्रदेश प्रभारी थे।

बात है साल 1998 की। एक बार मौका ऐसा आया की दिग्विजय सिंह के लिए राजधानी भोपाल के एक थानेदार ने नरेंद्र मोदी की कार रोक दी थी। दरअसल, मध्यप्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने थे। चुनाव से पहले नरेन्द्र मोदी को प्रदेश बीजेपी का प्रभारी नियुक्त किया गया था। उस समय नरेन्द्र मोदी रायपुर से भोपाल लौट रहे थे। मोदी एयरपोर्ट से भोपाल के बीजेपी कार्यालय जा रहे थें। उस दौरान उनके साथ कार में कुछ पत्रकार भी थे। जब नरेन्द्र मोदी अपनी कार से हमीदिया अस्पताल के चौराहे पर से गुजर रहे थे तो एक थानेदार ने उनकी कार रोक दी थी। क्योंकि उस रास्ते से मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का काफिला गुजरने वाला था।

टस के मस नही हुए पुलिस अधिकारी

जब पुलिस अधिकारी ने मोदी की कार रोकी तो कार के ड्राइवर ने उनसे गाड़ी को आगे जाने का आग्रह किया तो पुलिस अधिकारी टस के मस नहीं हुए। कार में बैठे एक भाजपा कार्यकर्ता ने पुलिस अधिकारी को बताया की कार में नरेन्द्र मोदी बैठे है। लेकिन पुलिस को कोई फर्क नहीं पड़ा। इसके बाद कार के ड्राइवर ने थानेदार से कहा की कुछ महीनों बाद सरकार बदल जाएगी तो आपको नजीते भुगतने पड़ सकते है। लेकिन पुलिस अधिकारी इस बात से नहीं पिघले और दिग्विजय का काफिला गुजरने तक मोदी को वहीं रुकना पड़ा।

एमपी में फेल हुए थे मोदी

हालंाकि इस घटना के बार में दिग्विजय को कोई जानकारी भले ही नहीं हो लेकिन पीएम मोदी मध्यप्रदेश में पहली बार में ही फेल हो गए थे। मोदी लगाता दूसरी बार भी राज्य में अपनी सरकार बनाने में फेल हुए। हालांकि यह उनकी पहली नाकामी थी। लेकिन जब मोदी हिमाचल और गुजरात के प्रभारी रहे तो दोनों राज्यों में सरकार बनाने में सफल रहे। 1998 में जब मोदी प्रदेश प्रभारी बनकर भोपाल आए थे तो राज्य में सुंदरलाल पटवा और कृष्णमुरारी मोघे जैसे नेताओं की तूती बोलती थी। नेताओं को बीजेपी की सरकार बनने का पूरा भरोसा था, लेकिन बीजेपी राज्य में सरकार नहीं बना पाई थी।

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