Nambi Narayanan: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन को झूठे मामले में फंसाने वाले आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने उस फैसले को रद्द कर दिया है जिसमें केरल हाईकोर्ट ने आरोपियों को अग्रिम ज़मानत दी थी। बता दें कि नंबी नारायणन को फंसाने वाले आरोपियों में पुलिस/खुफिया ब्यूरो के अधिकारी आर बी श्रीकुमार, पीएस जयप्रकाश, थंपी एस दुर्गा दत्त और विजयन शामिल हैं।
बता दें कि सीबीआई ने आरोपियों को केरल हाई कोर्ट से मिली जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी। सीबीआई की ओर से एडिशनल सॉलीसीटर जनरल एस वी राजू ने कहा, “ये अपराध राष्ट्र के खिलाफ था। और इसमे विदेशी ताकतों का हाथ होने की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता। इस मामले में आरोपियों को कस्टड़ी में लेकर पूछताछ की ज़रूरत पड़ सकती है, पर आरोपियों को हाईकोर्ट से मिली राहत के मद्देनजर यह संभव नहीं है।” जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश रद्द करते हुए हाईकोर्ट को 4 हफ्ते में नए सिरे से ज़मानत पर फैसला लेने को कहा। वहीं बताते चलें कि फिलहाल 5 हफ्ते तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होगी।
जानें मामला
दरअसल, साल 1994 में स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन बनाने में लगे नंबी नारायणन को तकनीक विदेशियों को बेचने के आरोप में केरल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। बाद में जब इस मामले में सीबीआई जांच हुई तो पूरा मामला झूठा निकला। साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने माना कि नंबी नारायणन के खिलाफ केरल पुलिस की ओर से दर्ज मुकदमा दुर्भावनापूर्ण था। जिसके बाद कोर्ट ने नंबी नारायणन को मुआवजे के रूप में 50 लाख रूपए देने का आदेश दिया। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज डी के जैन की अध्यक्षता में लंबी नारायणन को फंसाने वालों पर कार्रवाई के लिए 3 सदस्यीय कमिटी का गठन किया ।