Nakshatra in Vedic Astrology: वैदिक ज्योतिष (Vedic Astrology) में नौ ग्रहों, 12 राशियों के साथ-साथ 27 नक्षत्रों की विस्तार से व्याख्या की गई है। आज लाखों लोग अपने दिन और काम की शुरुआत राशिफल से करते हैं।
लेकिन ज्योतिष विज्ञान के प्रकांड विद्वानों के अनुसार, राशिफल से अधिक नक्षत्रफल सटीक होता है।
नक्षत्र क्या है?
नक्षत्र, जिसे अंग्रेजी में ‘कॉन्स्टेलेशन’ (Constellation) कहते हैं, अंतरिक्ष (आकाश) पटल पर विभिन्न सितारों के समूह (group of celestial bodies and stars) को दर्शाने वाली आकृतियों को कहा जाता है।
नक्षत्र केवल ज्योतिषीय अवधारणा नहीं हैं। बल्कि, विज्ञान और खगोलशास्त्र की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण हैं। प्राचीन काल से ही लोगों ने नक्षत्रों का उपयोग करके मौसम, समय, दिशा-ज्ञान और नेविगेशन की जरूरतों को पूरा करने के लिए किया है।
राशिफल से अधिक सटीक है नक्षत्रफल
ज्योतिष विज्ञान के उच्च कोटि के विशेषज्ञ और जानकार भविष्यफल की सटीकता के लिए नक्षत्रों का बारीकी से अध्ययन करने के बाद ही कुछ बोलते हैं।
जानिए जन्म के नक्षत्र के अनुसार, जातक (व्यक्ति) के मौलिक स्वाभाव, गुणधर्म और व्यक्तित्व के बारे में। लेकिन उससे पहले आप यह जान लें कि आप किस नक्षत्र के जातक हैं यानी आपका मूल-नक्षत्र क्या है, उनके स्वामी कौन हैं और उनसे कौन-सी राशियां जुड़ी हैं (देखें टेबल: इस टेबल से आप न केवल नक्षत्र स्वामी और राशि बल्कि नक्षत्र देवता और नक्षत्र आकृति को भी समझ सकते हैं)।
अपने जन्म नक्षत्र से जानें अपना मूल स्वभाव और व्यक्तित्व
वैदिक ज्योतिष में प्रत्येक नक्षत्र का एक विशिष्ट गुण और प्रभाव बताया है। इसके आधार पर जातक (मनुष्य) के जीवन, घटनाओं, व्यक्तिगत स्वभाव, गुण-अवगुण आदि का आकलन और विश्लेषण किया जाता है। कुंडली में नक्षत्रों स्थितियों के आधार पर जातक के बारे में भविष्यवाणी में सटीकता आती है।
नक्षत्र: आपका स्वभाव और व्यक्तित्व
1. अश्विनी (Ashwini): यह नक्षत्र चिकित्सा और शिल्पकला से जुड़ा है। इस नक्षत्र के धारक जातक विवेकशील, शौर्यवान और सहयोगी गुण वाले होते हैं।
2. भरणी (Bharani): यह नक्षत्र नृत्य, संगीत और यात्रा से जुड़ा है। यह नक्षत्र उत्तराधिकारी होने के योग्य, निष्ठावान और समर्पित गुण वाले होते हैं।
3. कृत्तिका (Krittika): यह नक्षत्र बलिदान, साहस और आदर्शवादी गुण से जुड़ा है। इस नक्षत्र के धारक जातक उद्धार करने वाले, प्रबल इच्छाशक्ति से युक्त और प्रगतिशील होते हैं।
4. रोहिणी (Rohini): यह नक्षत्र प्रकृति, सौन्दर्य और वृक्षों से जुड़ा है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक आकर्षक, सुखप्रिय और उत्तम आत्मा वाले होते हैं।
5. मृगशीर्ष/मृगशिरा (Mrigashira): यह नक्षत्र कल्पनाशील प्रवृत्ति और शिल्पकला से जुड़ा है। इस नक्षत्र से प्रभावित जातक सरल, क्रियाशील और उदार गुण वाले होते हैं।
6. आर्द्रा (Ardra): यह नक्षत्र शूलविद्या, आदर्शवाद और स्पष्ट विचार से जुड़ा है। इस नक्षत्र के जातक अनुशासनपरायण, उदात्त और गहरे विचारों वाले होते हैं।
7. पुनर्वसु (Punarvasu): यह नक्षत्र पुनर्जन्म और पुनरावलोकन से जुड़ा है। इस नक्षत्र के जातक उत्तम समर्पणशीलता गुण से युक्त, पुनर्जन्म लेने वाले और आध्यात्मिक के गुण वाले होते हैं।
8. पुष्य (Pushya): यह नक्षत्र धर्म, यात्रा और सेवा से जुड़ा है। इस नक्षत्र के जातक दयालुता से पूर्ण, धर्मनिष्ठ और ज्ञान, कर्म और व्यक्ति के प्रति समर्पित गुण वाले होते हैं।
9. अश्लेषा (Ashlesha): यह नक्षत्र मानवता के प्रति सेवा और शक्तिपूर्ण उपाय से जुड़ा है। इस नक्षत्र के जातक साहसी, सहनशील और विशिष्ट योग्यताएं रखने वाले होते हैं।
10. मघा (Magha): यह नक्षत्र सेवा, प्रतिष्ठा और समर्पण से जुड़ा है। इस नक्षत्र के जातक विशेषज्ञता, सम्मानभावना और गरिमा रखने वाले होते हैं।
11. पूर्वाफाल्गुनी (Purva Phalguni): यह नक्षत्र प्रेम, सौन्दर्य और संगीत से जुड़ा है। इस नक्षत्र के जातक उदार विचारशीलता से युक्त, साहसी और आदर्शवादी गुण वाले होते हैं।
12. उत्तराफाल्गुनी (Uttara Phalguni): यह नक्षत्र यात्रा, प्रतिष्ठा और सामाजिक सेवा से जुड़ा है। इस नक्षत्र के जातक प्रतिष्ठा-परायण, सामयिक और सामाजिक गुण वाले होते हैं।
13. हस्त (Hasta): यह नक्षत्र कला, शिल्पकला और निर्माण करने का संकेतक है। इस नक्षत्र के जातक कल्पनाशील लेकिन कार्यशील और सौन्दर्यप्रिय गुण वाले होते हैं।
14. चित्रा (Chitra): यह नक्षत्र श्रृंगार, कला और सौन्दर्य से जुड़ा है। इस नक्षत्र के जातक कलात्मक, सजीव और समर्पणशील गुणों वाले होते हैं।
15. स्वाति (Swati): यह नक्षत्र समन्वय, समर्थन और न्यायप्रियता से जुड़ा है। इस नक्षत्र के जातक योग्यताओं को पहचानने वाले और अपने उद्देश्य और काम को संवाद के माध्यम से संचारित करने वाले होते हैं।
16. विशाखा (Vishakha): यह नक्षत्र यात्रा, समाजसेवा और न्याय का संकेतक है। इस नक्षत्र के जातक समर्पित, सामाजिक सेवा और न्यायप्रिय होते हैं।
17. अनुराधा (Anuradha): यह नक्षत्र सामाजिक सेवा, सहायता और सामंजस्य से जुड़ा है। इस नक्षत्र के जातक उदार, सहायता करने वाले और समाजसेवा की प्रवृत्ति रखने वाले होते हैं।
18. ज्येष्ठा (Jyeshtha): यह नक्षत्र सामाजिक सेवा, संघर्ष और समर्पण से जुड़ा है। इस नक्षत्र के जातक विषय-विज्ञान की विशेषज्ञता, सामाजिक सेवा के लिए तत्पर और संघर्ष कर के विजयी के गुणों से युक्त होते हैं।
19. मूल (Moola): यह नक्षत्र प्रतिष्ठा, अन्तिम लक्ष्य और आत्मा की मुक्ति से जुड़ा है। इस नक्षत्र के जातक साहसी, परिश्रमी और अध्यात्मिक गुण वाले होते हैं।
20. पूर्वाषाढ़ा (Purva Ashadha): यह नक्षत्र यात्रा, प्रतिष्ठा और सेवा से जुड़ा है। इस नक्षत्र के जातक यात्रा प्रेमी, उद्धरणपरायण और सेवानिष्ठ गुण वाले होते हैं।
21. उत्तराषाढ़ा (Uttara Ashadha): यह नक्षत्र समाजसेवा, समर्थन और सामाजिक न्याय का संकेत देता है। इस नक्षत्र के जातक समर्पित, उदार और सामाजिक गुण वाले होते हैं।
22. श्रवण (Shravana): यह नक्षत्र यात्रा, विद्या और संगीत से जुड़ा है। इस नक्षत्र के जातक ज्ञानप्रिय, संगीतप्रिय और सेवानिष्ठ गुण वाले होते हैं।
23. धनिष्ठा (Dhanishta): यह नक्षत्र समाजसेवा, नेतृत्व और संघर्ष से जुड़ा है। इस नक्षत्र के जातक उदार, समाजसेवा के प्रति समर्पित और संघर्षपरायण गुण वाले होते हैं।
24. शतभिषा (Shatabhisha): यह नक्षत्र समाजसेवा, सामाजिक संगठन और न्यायप्रियता से जुड़ा है। इस नक्षत्र के जातक विचारशील, सेवानिष्ठ और न्यायप्रियता गुण वाले होते हैं।
25. पूर्वाभाद्रपद (Purva Bhadrapada): यह नक्षत्र समाजसेवा, पुनर्जन्म और धर्मनिष्ठा से जुड़ा है। इसके जातक समाज और कर्म के प्रति समर्पित, पुनर्जन्म में यकीन रखने वाले और धर्मनिष्ठा गुणों से युक्त होते हैं।
26. उत्तराभाद्रपद (Uttara Bhadrapada): यह नक्षत्र समाजसेवा, समर्पण और मानवता के प्रति सेवा से जुड़ा है। इस नक्षत्र के जातक सहनशील, उद्यमी और भावुक होते हैं।
27. रेवती (Revati): यह नक्षत्र शुभ गुणों से युक्त नक्षत्र है। इसके जातक दयालु, उदार और सहानुभूति से भरपूर होते हैं। इसके देवता पुषन हैं, जिन्हें पृथ्वी की रक्षा करने का दायित्व मिला है।
कुल मिलाकर नक्षत्र आध्यात्मिक और भौतिक घटनाओं के बीच एक सहसंबंध स्थापित करते हैं। यही कारण है कि ये सभी 27 नक्षत्र वैदिक ज्योतिष और भारतीय संस्कृति में आदि काल से महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आए हैं। आज भी इसका उपयोग लोग अपने जीवन में उचित मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए कर रहे हैं।
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