Nagriya Nikay Chunav 2021 : फिलहाल टल सकते है नगरीय निकाय चुनाव, नगर निगमों के प्रशासक बने रहेंगे डिविजनल कमिश्नर

भोपाल। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने निकाय चुनाव Nagriya Nikay Chunav 2021 के लिए घोषित की गई आरक्षण प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आदेश दिया है कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित महापौर, और अध्यक्ष के लिए रोटेशन के आधार पर आरक्षण प्रक्रिया दोबारा की जाए। सरकार रोटेशन के आधार पर आरक्षण प्रक्रिया का दोबारा नोटिफिकेशन जारी कर ही चुनाव करा सकती है।
आपको बता दें कि मानवर्धन तोमर ने जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि निकाय चुनाव के लिए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षण प्रक्रिया में रोटेशन का पालन नहीं किया गया है। मध्य प्रदेश में निर्वाचन आयोग कभी भी निकाय चुनाव की तारीखों का एलान करने वाला है। ऐसे में हाईकोर्ट के फैसले के बाद ये प्रक्रिया कुछ समय के लिए टल सकती है।
नगरीय निकाय चुनाव फिलहाल टाले जाएंगे
हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। इसके लिए जल्दी ही विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर की जाएगी। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इसके लिए प्रशासकीय स्वीकृति दे दी है। सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट यदि हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराती है तो सभी निकायों में महापौर-अध्यक्ष के लिए फिर से आरक्षण होगा। हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रही है, ऐसे में साफ है कि नगरीय निकाय चुनाव फिलहाल टाले जाएंगे। ऐसे में डिविजनल कमिश्नर नगर निगमों के प्रशासक बने रहेंगे।