चलिए जानते हैं कि नागपंचमी त्योहार की पौराणिक (Nag Panchami Pauranik Katha) मान्यता क्या है। इस दिन कालसर्प दोष निवारण की पूजा करना क्यों खास माना जाता है। ज्योतिषाचार्य से जानेंगे कि कुंडली में ग्रहों की ऐसी कौन सी स्थिति है जिसके होने से कालसर्प दोष के योग बनते हैं।
कुंडली में कब बनता है कालसर्प दोष
ज्योतिषाचार्य पंउित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार जब कुंडली में राहु केतू के बीच सारे ग्रह आ जाते हैं तो कालसर्प दोष बनता है।
नागपंचमी का महत्व क्या है
धार्मिक मान्यता अनुसार भगवान शिव मृत्यु के देवता है। जितने भी विषधारी जीव हैं वे शिवजी के अनुचर कहलाते हैं। इसलिए शिवजी की कृपा पाने और दुनिया के सबसे विषेले जीव नाग से जीवन की रक्षा के लिए नागपंचमी पर नागदेवता की पूजा का विशेष महत्व (Nag Panchami Significant) बताया गया है।
नागपंचमी के दिन यदि सर्प की पूजा की जाए तो व्यक्ति को जीवन में इन जीवों का भय नहीं रहता है। साथ ही उसे वर्ष भर के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है।
हिन्दू धर्म के अनुसार शेषनाग जो अपने फन पर पृथ्वी को धारण किए हैं उन्हें लक्ष्मण का अवतार माना जाता है। इस दिन इनकी पूजा करने से व्यक्ति को कालसर्प दोष से मुक्ति मिल जाती है।
आठ प्रकार के होते हैं नाग
नागपंचमी (Nag Panchami 2024 ke Upay) के दिन आठ प्रकार के नागों की पूजा की जाती है। जिसमें अनन्त, वासुकी, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीक, कर्कट और शंख शामिल हैं। अनंत (शेषनाग) भगवान विष्णु के सेवक शेषनाग के सहस्र फन पर धरती टिकी हुई है।
नाग पंचमी पर इस उपाय से मिलता है अभयदान (Nag Panchami 2024 Upay)
श्रावण शुक्ल पक्ष के पंचमी के दिन नागलोक (Naglok) में बहुत बड़ा उत्सव होता है। पंचमी तिथि को जो व्यक्ति नागों को गाय के दूध से स्नान कराता है उसके कुल को सभी नाग अभय दान देते हैं। उसके परिवार जनों को सर्प का भय नहीं रहता है।
क्यों मनाते हैं नागपंचमी
महाभारत में जन्मेजय में नाग यज्ञ की कहानी है। जिसके अनुसार जन्मेजय के नाग यज्ञ के दौरान बड़े-बड़े विकराल नाग अग्नि में आकर जलने लगे। उस समय आस्तिक नामक ब्राह्मण ने सर्प यज्ञ रोककर नागों की रक्षा की थी। इस दिन पंचमी तिथि थी। यानि नागों को पंचमी की तिथि बहुत प्यारी थी।
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