हाइलाइट्स
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मोदी कार्यकाल में बीजेपी और RSS में दूरियां बढ़ रहीं?
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नड्डा ने कहा- अटलजी के समय में पार्टी सक्षम नहीं थी
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अब पार्टी अकेले दम पर आगे बढ़ने में सक्षम है
Nadda Spoke on RSS: पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में बीजेपी और RSS के बीच अनबन लगातार बढ़ती जा रही है।
पॉवर के केंद्र में रहने वाली RSS को अब किनारे किया जाने लगा है। इसी क्रम में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का एक बयान सामने आया है।
जिसमें वे कहते हैं कि अब बीजेपी को RSS की कोई जरूरत नहीं है। अब बीजेपी खुद सक्षम है और अपना काम खुद चलाती है।
‘पहले इतनी बड़ी पार्टी नहीं थे और अक्षम थे’
एक अखबार को दिए इंटरव्यू (Nadda Spoke on RSS) में नड्डा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय और मौजूदा समय में काफी कुछ बदल चुका है।
इसी कड़ी में आरएसएस की उपस्थिति भी बदल गई है। पहले हम इतनी बड़ी पार्टी नहीं थे और अक्षम थे।
हमें आरएसएस की जरूरत पड़ती थी, लेकिन आज हम काफी आगे बढ़ चुके हैं और अकेले दम पर आगे बढ़ने में सक्षम हैं।
आरएसएस के समर्थन की जरूरत के सवाल पर क्या बोले?
क्या भाजपा को अब आरएसएस के समर्थन की जरूरत नहीं है, इस सवाल के जवाब में नड्डा (Nadda Spoke on RSS) ने कहा, ‘देखिए, पार्टी बड़ी हो गई है
और सभी को अपने-अपने कर्तव्य के साथ भूमिकाएं मिल चुकी हैं। आरएसएस एक सांस्कृतिक और सामाजिक संगठन है और हम एक राजनीतिक संगठन हैं।
यह जरूरत का सवाल नहीं है। यह एक वैचारिक मोर्चा है। वो वैचारिक रूप से अपना काम करते हैं और हम अपना।
हम अपने मामलों को अपने तरीके से मैनेज कर रहे हैं और राजनीतिक दलों को यही करना चाहिए।
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मथुरा- काशी में मंदिर की कोई योजना नहीं- नड्डा
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (Nadda Spoke on RSS) ने इस बात से साफ इनकार किया कि भाजपा की मथुरा और काशी में विवादित स्थलों पर मंदिर बनाने की कोई योजना है।
उन्होंने कहा कि भाजपा के पास ऐसा कोई विचार, योजना या इच्छा नहीं है।
उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का सिस्टम इस तरह से काम करता है कि पार्टी की विचार प्रक्रिया संसदीय बोर्ड में चर्चा से तय होती है,
फिर यह राष्ट्रीय परिषद के पास जाती है जो इसका समर्थन करती है।