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POSH Act 2013: अब वर्कप्लेस पर आप नहीं हो पाएगी सेक्सुअल हैरेसमेंट की शिकार, ये एक्ट रखेगा आपका ख्याल

अब महिलाओं को घबराने की जरूरत नहीं है इसके लिए अब आ गया है स्पेशल एक्ट पॉश ( POSH) यानी के प्रोटेक्शन ऑफ वूमेन फ्रॉम सेक्सुअल हैरेसमेंट एट वर्कप्लेस।

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Bansal News
POSH Act 2013: अब वर्कप्लेस पर आप नहीं हो पाएगी सेक्सुअल हैरेसमेंट की शिकार, ये एक्ट रखेगा आपका ख्याल

POSH Act 2013: भारत में महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है वहीं पर महिलाओं की सुरक्षा बेहद जरूरी होती है। पब्लिक प्लेस हो या फिर कार्यालय यहां पर महिलाओं के साथ यौन शोषण की घटनाएं तो होती ही है। इन घटनाओं पर अब महिलाओं को घबराने की जरूरत नहीं है इसके लिए अब आ गया है स्पेशल एक्ट पॉश ( POSH) यानी के प्रोटेक्शन ऑफ वूमेन फ्रॉम सेक्सुअल हैरेसमेंट एट वर्कप्लेस। इसके बारे में महिलाओं को कम ही पता होगा आइए आखिर क्या है इसकी विशेषताएं इस खबर में जान लें।

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क्या होता है पॉश एक्ट ( Posh Act)

यहां पर महिलाओं के आए नए पॉश एक्ट के बारे में बात करें तो, यह वर्किंग प्लेस पर काम करने वाली महिलाओं के लिए है जो ऑफिस के दौरान महिलाओं के साथ सुरक्षित माहौल बना रहें इसे स्पष्ट करता है। साल 2013 में इस पॉश एक्ट को लाया गया था जिसमें काम करने की जगह पर महिलाओं के साथ होने वाले सेक्सुअल हैरेसमेंट को रोकने के लिए जरूरी था।

इस एक्ट के जरिए महिलाएं अपने साथ ऑफिस में हो रही यौन शोषण की घटनाओं पर एक्शन ले सकती है तो उनके खिलाफ शिकायत करना भी इस एक्ट में आसान है। इस एक्ट के बारे में जहां पर महिलाओ के अलावा कर्मचारियों को भी जानकारी होनी चाहिए, एक डर होना चाहिए ताकि कोई ऐसी गलत हरकत कर ना पाएं।

एक्ट में 50 फीसदी महिलाओं का होना है जरूरी

आपको बताते चलें, महिलाओं के लिए यह पॉश एक्ट आया है इसमें बनाई कमेटी में 50 महिलाओं की सदस्यता जरूरी होती है। इतना ही नहीं एक्ट के जरिए काम करने वाली कमेटी का काम होगा कि, पॉश के अंदर आने वाली सभी तरह की शिकायत की समीक्षा करना और इसके खिलाफ नियमों के हिसाब से कार्यवाही करना।

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इतना ही नहीं इस एक्ट के जरिए महिलाओं को शिकायत दर्ज कराना बेहद आसान है इसके लिए घटना के 90 दिन के भीतर शिकायत दर्ज करा सकते है जो इंटरनल कमेटी या फिर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है कई बार आप ऑफिस में कंप्लेंट कर सकते हैं और मामला गंभीर होता है तो ऑफिस की कमेटी भी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराती है इसके लिए इंटरनल कमेटी को 10 दिन में अपनी जांच रिपोर्ट कंपनी को देनी होती है और दोषी पाए जाने पर कंपनी आरोपी को सजा देती है।

जानें कौन सी घटनाएं आती है इस एक्ट में 

  • फिजिकल कॉन्टैक्ट या किसी को भी गलत तरीके से छूना, इशारे करना, शारीरिक रूप से असहज महसूस कराना।
  • किसी भी तरह के सेक्सुअल फेवर मांगना।
  • किसी भी तरह का सेक्सुअल रिमार्क करना।
  • पोर्नोग्राफी से जुड़े फोटोज या वीडियो भेजना।

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