Multiple Bank Accounts : प्राइवेट नौकरी करने वाले लोग अक्सर जब भी नौकरी बदलते है तो उन्हें कंपनी के अनुसार बैंक में खाता (Multiple Bank Accounts) खुलावाना होता है। ऐसे में वह नया खाता तो खुलवा लेते है लेकिन पुराना खाता बंद करवाना जरूरी नहीं समझते है या फिर भूल जाते है। लेकिन ज्यादा बैंक अकाउंट (Multiple Bank Accounts) खतरे से खाली नहीं होता है। अगर आपके पास एक से ज्यादा बैंक खाते है और उन्हें आप इस्तेमाल नहीं करते या फिर वह निष्क्रिय हो जाते है तो ऐसे खातों को बंद कर देना ही उचित है नहीं तो आपका नुकसान हो सकता है।
क्या आपको पता है कि कोई भी सैलरी अकाउंट (Multiple Bank Accounts) में अगर तीन महीनों तक सैलरी नहीं आती है तो वह खाता सेविंग खाते में बदल जाता है। ऐसे में खाते के नियम भी बदल जाते है। बैक ऐसे खातों को सेविंग अकाउंट (Multiple Bank Accounts) की तहर ट्रीट करते है। बैंक के नियम के अनुसार बचत खाते में न्यूनतम राशि का होना जरूरी होता है। आप अगर बचत खाते में इस नियम के अनूरूप जाते है तो बैंक पेनाल्टी लगा देती है। बैंक आपके खाते में जमा राशि से पेनाल्टी का पैसा काट लेती है।
कम मिलता है ब्याज
एक से अधिक बैंकों में खाते (Multiple Bank Accounts) होने से आपका सबसे बड़ा नुकसान हो सकता है। आपको हर खाते को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक तय राशि खाते में रखनी होती है। ऐसे में आपका बड़ा अमाउंट तो बैंकों (Multiple Bank Accounts) में ही फंस जाएगा। उस राशि पर आपको ज्यादा से ज्यादा 4 से 5 फीसदी ही सालाना रिटर्न मिलता है। वहीं, अगर सेविंग अकाउंट में पैसे रखने के बजाए दूसरी योजनाओं में लगा दें तो आपको सालाना रिटर्न के तौर पर ज्यादा ब्याज मिलेगा।
क्रेडिट स्कोर होता है खराब
एक से अधिक निष्क्रिय खाते होने से आपके क्रेडिट स्कोर पर भी इसका खराब असर पड़ता है। आपके खाते में न्यूनतम बैलेंस मेनटेन नहीं होने से क्रेडिट स्कोर खराब होता है। इसलिए कभी भी निष्क्रिय खाते को हल्के में न लें और नौकरी छोड़ने के साथ ही उस खाते को बंद करा दें। इसके अलावा टैक्स जमा करते समय काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इनकम टैक्स फाइल करते समय सभी बैंक खातों से जुड़ी जानकारियां रखनी पड़ती है। तो वही कई अकाउंट (Multiple Bank Accounts) होने से आपको सालाना मेंटनेंस फीस और सर्विस चार्ज भी देने होते हैं।