Mulayam Singh : यूपी की राजनीति के भीष्म पितामहा कहे जाने वाले समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की हालत गंभीर बताई जा रही है। मुलायम सिंह यादव गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती हैं। बताया जा रहा है कि उनकी हालत में बिल्कुल भी सुधार नहीं हैं। वह डॉक्टरों की निगरानी में हैं। मुलायम सिंह की तबीयत को लेकर उनके बचपन के मित्र और पूर्व मंत्री तोताराम यादव ने मीडिया को मुलायम सिंह यादव से जुड़ा एक किस्सा बताया, जो कि बेहद ही रोचक है। आप भी पढ़िए वो किस्सा….
मुलायम ने रखा पहलवानी में कदम
मुलायम में दोस्त तोताराम यादव ने एक किस्सा सुनते हुए बताया कि उनकी और उनके मित्र मुलायम सिंह की उम्र में 5 महीने का ही अंतर है। इसलिए हमारी दोस्ती पक्की दोस्ती रही है। मुलायम ने ग्रेजुएशन के बाद शादी कर ली थी और उसके बाद वह पहलावानी करने लगे। वो एक कुशल पहलवान थे। एक बार मुलायम सिंह ने एक बड़े पहलवान को पहली बार में ही चित कर दिया था।
पहली बार बने विधायक
तोताराम यादव के अनुसार नत्थू सिंह मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक गुरु थे। नत्थू सिंह ही थे जो मुलायम को राजनीति में लेकर आए थे। उन दिनों नत्थू सिंह जसवंत नगर से विधायक थे। वह मुलायम की कुश्ती से इतने प्रभावित हुए की अगली बार उन्होंने मुलाकय सिंह को अपनी ही सीट से टिकट दे दिया। साल 1967 में मुलायम सिंह ने चुनाव जीत लिया और विधायक चुने गए।
मुलायम को बनाया था वारिस
चरण सिंह के बेहद करीबियों में शामिल थे नत्थू सिंह। नत्थू सिंह के जरिए चरण सिंह को मुलायम के बारे में पता चला और वह भी उनसे काफी प्रभावित हुए। यह इस हद तक था कि जब चरण सिंह को अपना उत्तराधिकारी चुनना था तो उन्होंने अपने बेटे अजीत सिंह की बजाय मुलायम सिंह यादव को चुना। तोताराम यादव बताते हैं, ये मेरे सामने की ही बात है जब चरण सिंह ने कहा था कि अजीत मेरा बेटा है और मुलायम किसान का बेटा है और वही मेरी विरासत का सही हकदार है।
जब मुख्यमंत्री बने मुलायम
सन् 1989 में जनता दल सरकार में मुलायम सिंह यादव पहली बार यूपी के मुख्यमंत्री बने। तोताराम यादव ने उस समय को याद करते हुए बताया कि जब मुलायम मुख्यमंत्री बनकर पहली बार सैफई आए तो लोगों ने उनकी पूजा की थी, लोगों ने उनका फूलों से स्वागत किया था। उस समय हर किसी की आंख में खुशी के आंसू थे।