हाइलाइट्स
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छत्तीसगढ़ में सरकारी शादियों पर लगा रोड़ा
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आचार संहिता के चलते व्यवस्था बनाने में दिक्कतें
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लोकसभा के बाद होंगे नगरीय निकाय के चुनाव
मुख्यमंत्री निर्धन कन्या विवाह योजना: छत्तीसगढ़ में इस साल मुख्यमंत्री निर्धन कन्या विवाह योजना के तहत शादी होने में कई दिक्कतें होनी है. पूरे देश में लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू है. इसी बीच रामनवमी व अक्षय तृतीया को सबसे ज्यादा शादियां होती हैं. ऐसे में आचार संहिता के चलते सरकारी शादियां नहीं हो पाएंगी. तो वहीं 4 जून को चुनाव परिणाम के बाद मुहूर्त कम है. हालांकि जुलाई में मुहूर्त है, मगर इस समय बारिश के चलते व्यवस्था बनाने में परेशानी होती हैं.
7600 शादियों का पूरा होता नहीं दिख रहा लक्ष्य
अब बात करें नवंबर-दिसंबर की तो जब इस दौरान फिर मुहूर्त मिलेंगे, तो नगरीय निकाय चुनाव के चलते फिर आचार संहिता लग जाएगी. ऐसे में तो 7600 शादियों का लक्ष्य पूरा होता नहीं दिख रहा है. मुख्यमंत्री निर्धन कन्या विवाह योजना के तहत विवाह के लिए 2 माह इंतजार करना होगा. इस योजना के तहत हर साल हजारों जोड़ों की शादी होती है.
इस बार आचार संहिता ने सरकारी शादियों में अड़ंगा लगा दिया है. अलग-अलग जिला मुख्यालयों में सामूहिक शादियां आयोजित की जाती हैं. जोड़ों को आयोजन पर होने वाले खर्च, चेक और उपहार सामग्री भी दी जाती है. महिला एवं बाल विकास विभाग की शादी करवाने की पूरी जिम्मेदारी होती है. अपने यहां आए आवेदनों के आधार पर जिलों के कार्यक्रम अधिकारी राशि की मांग करते हैं.
आवेदनों को परियोजना कार्यालय में नहीं किया गया जमा
महिला एवं बाल विकास विभाग नया वित्तीय वर्ष शुरू होने के साथ ही तैयारी में जुट जाता है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है. वर-वधू के आधार कार्ड और राशन कार्ड की फोटो कॉपी, उनकी फोटो और जन्म प्रमाण पत्र के साथ एप्लीकेशन पत्र भरवाते हैं. परियोजना कार्यालय में आवेदन जमा होने के बाद मुर्हूत को ध्यान में रखकर डेट तय की जाती है.
कुछ आवेदन इस बार भी भरे जा चुके हैं. मगर आचार संहिता में शादी नहीं हो सकती इसलिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने आवेदनों को परियोजना कार्यालय में जमा नहीं किया है. अगर आचार संहिता नहीं होती तो, 18 से लेकर 26 अप्रैल तक या 28 अप्रैल के मुहूर्त में शादी हो सकती थी. क्योंकि फिर कोई मुहूर्त जल्दी नहीं है. इसके बाद जुलाई में 9 से 17 तारीख तक है. शहरी क्षेत्र में नवंबर और दिसंबर में शादी इसलिए नहीं हो सकती क्योंकि उस दौरान निकाय क्षेत्र के चुनाव के चलते आचार संहिता लगी रहेगी.
त्रि स्तरीय पंचायत चुनाव के चलते भी नहीं हो सकेंगी शादी
अब इसके बाद त्रि स्तरीय पंचायत चुनाव के चलते भी सरकारी शादियां नहीं हो सकेगी. वहीं जनवरी 2025 में 6 दिन और फरवरी माह में नौ मुहूर्त हैं, जिसके त्रि स्तरीय पंचायत चुनाव के चलते प्रभावित होने की संभावना है. बिलासपुर जिले में पिछले वित्तीय वर्ष 170, जांजगीर-चांपा में 101, बालोद में 185, बेमेतरा में 70, बीजापुर में 175, जीपीएम में 80, धमतरी में 65, कोरबा में 247, कवर्धा में 290, महासमुंद में 160, रायगढ़ में 291 सहित करीब तीन हजार शादियां हुई थी.
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