Advertisment

मध्यप्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा: विवाद पर हाईकोर्ट की सख्ती, सरकार ने एक हफ्ते में नहीं दिया जवाब तो लगेगा जुर्माना

MPTET Controversy: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में शिक्षक पात्रता और शिक्षक चयन परीक्षा के मामले में सुनवाई हुई। प्रदेश सरकार को जवाब देने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया गया है।

author-image
Rahul Garhwal
MPTET Controversy High Court Order Madhya Pradesh Government Update

MPTET Controversy: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने शिक्षक पात्रता और शिक्षक चयन परीक्षा के विवाद पर सख्ती बरती है। राज्य शासन की ओर से किए गए निवेदन पर पूर्व में जारी नोटिस का जवाब पेश करने एक हफ्ते की मोहलत दे दी है।

Advertisment

एक हफ्ते में जवाब नहीं दिया तो जुर्माना

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने मोहलत के साथ ही ये चेतावनी भी दी है कि यदि एक हफ्ते में जवाब पेश नहीं किया गया तो 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। फिर जुर्माने के साथ जवाब पेश करना होगा।

17 फरवरी को अगली सुनवाई

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने इस केस में अगली सुनवाई की तारीख 17 फरवरी निर्धारित की है। ये मामला उच्च माध्यमिक शिक्षक पद पर भर्ती पूरी होने से पहले भर्ती नियम में परिवर्तन किए जाने को चुनौती से जुड़ा है।

सिर्फ 8 हजार पदों पर नियुक्ति

जबलपुर के याचिकाकर्ता लोचन सिंह विश्वकर्मा, मंदसौर के श्याम लाल रविदास, वीरेंद्र कुमार पाटीदार, बुरहानपुर के अश्विनी महाजन सहित कई अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता विनायक प्रसाद शाह और पुष्पेंद्र कुमार शाह ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 में शिक्षा विभाग के लगभग 17 हजार और जनजाति विभाग के लगभग 2 हजार पदों पर उच्च माध्यमिक शिक्षक की भर्ती की जानी थी। सरकार ने करीब 8 हजार पदों पर ही नियुक्ति की।

Advertisment

ये खबर भी पढ़ें: MP Police DSP Transfer List: मप्र में 69 डीएसपी के ट्रांसफर, कई शहरों के सीएसपी, एसडीओपी भी बदले

दिसंबर 2022 में बदले भर्ती नियम

दिसंबर 2022 में भर्ती नियमों में संशोधन किया गया। जिसके अनुसार शिक्षक पात्रता परीक्षा पास हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति पाने के लिए शिक्षक चयन परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य कर दिया। नियमों में संशोधन को चुनौती दी गई है। दलील दी गई कि एक ही पात्रता परीक्षा में अनेक अभ्यर्थियों की नियुक्ति करने के बाद सरकार ने नियम को बदला है जिसकी वजह से एक ही समान स्थिति के लोगों के साथ सरकार भेदभाव कर रही है। हजारों पद खाली पड़े हैं, लेकिन सरकार शिक्षक चयन परीक्षा का आयोजन कर रही है।

MP में प्रतिबंधित कफ सीरप की बिक्री: हाईकोर्ट ने दिए दवा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश

Advertisment

mp high court

MP Banned Cough Syrup Selling: मध्य प्रदेश में प्रतिबंध के बाबजूद बैन कफ सीरप की ब्रिक्री हो रही है जिसको लेकर हाई कोर्ट में आज सुनवाई हुई। जबलपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की डबल बेंच ने प्रतिबंधित कफ सीरप बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इस मामले में कार्रवाई की जिम्मेदारी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और पुलिस को सौंपी गई है। मामले की अगली सुनवाई 13 फरवरी को होगी। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

mp government MP High Court mptet Mp Teacher Eligibility Test MP Teacher Eligibility Test Controversy MPTET Controversy
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें