भोपाल। Nirmala Buch passed away: MP की पहली महिला CS निर्मला बुच का रविवार सुबह निधन हो गया। वह लंबे समय से कैंसर की बीमारी से पीड़ित थीं। 97 साल की उम्र में भोपाल में उन्होंने अंतिम सांस ली। वे मध्य प्रदेश कैडर से 1960 बैच की IAS अधिकारी थीं। सोमवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
बता दें कि मध्य प्रदेश की महिला नीति बनाने और उसे लागू करवाने में भी निर्मला बुच की अहम भूमिका रही है। यूएनडीपी प्रोजेक्ट के तहत उन्होंने पांच राज्यों बिहार, छत्तीसगढ़, राजस्थान,मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की महिलाओं की नेतृत्व क्षमता विकास के लिए कार्य किया।
पहली महिला CS निर्मला बुच के बारे में
-1961 से 1993 तक मध्य प्रदेश एवं भारत सरकार के विभिन्न विभागों के प्रशासन व प्रबंधन के पदों पर रहीं।
-मध्य प्रदेश सरकार में 1975-77 तक वित्त सचिव व शिक्षा सचिव और 1991-1992 में मुख्य सचिव के पद पर रहीं।
-प्रदेश विकास के मॉडल मील का पत्थर साबित हुए।
-निर्मला बुच भारत सरकार के योजना आयोग में 1988-89 में सलाहकार रहीं ।
-1993 में विकास परियोजनाओं का सुचारू रूप से प्रबंधन किया।
-1978-81 तक महिलाओं के लिए बनी राष्ट्रीय महिला समिति की प्रमुख रहीं।
-प्रमुख सचिव के रूप में मध्य प्रदेश ग्रामीण विकास में पंचायती राज की रूप रेखा तैयार की।
-गुजरात में 1996 में सलाहकार बनीं।
-1997-2000 तक भारत सरकार के राष्ट्रीय पर्यावरण अपीलीय प्राधिकरण की उपाध्यक्ष रहीं।
-भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के अधीन महेश्वर पनबिजली परियोजना के पुर्नवास निगरानी समिति की प्रमुख रहीं।
-भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय में विशेष सलाहकार रही।
-स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर राष्ट्रीय महिला कोष को प्रभावी बनाया। यह कोष करीब 17 राज्यों में प्रभावी ढंग से संचालित है।
-प्रदेश की महिला नीति बनाने और लागू करवाने में अहम भूमिका निभाई।
-उमा भारती ने मुख्यमंत्री बनने पर निर्मला बुच को सलाहकार नियुक्त किया।
-निर्मला बुच ने कई पुस्तकों का संपादन भी किया।
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