MP Vyapam Scam: एमपी के चर्चित व्यापमं घोटाले में 14 साल बाद सीबीआई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने 11 आरोपियों को 7-7 साल की सजा सुनाई है. यह सजा कोर्ट ने 2012 के आरक्षक भर्ती परीक्षा से जुडे़ मामले में सुनाया है.
नीतिराज सिंह सिसोदिया ने सुनाया फैसला
CBI के विशेष जज नीतिराज सिंह सिसोदिया ने सोमवार को व्यापमं से जुड़े मामले में सजा सुनाया है. यह मामला आरक्षक भर्ती घोटाला 2012 से जुड़ा है. इस मामले में 11 आरोपियों को 7-7 साल की सजा सुनाई है. सभी आरोपियों पर दस-दस हजार का जुर्माना भी लगाया है.
नौकरी पाने वाले कैंडिडेट समेत 11 लोगों सजा
सी.बी.आई. ने व्यापमं द्वारा आयोजित साल 2012 में मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में हुए घोटाले में कुल 11 लोगों को सजा सुनाई है. 30 सितंबर 2012 को यह परीक्षा आयोजित की गई थी. सजा पाने वाले 11 लोगों में 6 नौकरी पाने वाले कैंडिडेट और 5 डमी कैंडिडेट (दूसरे की जगह पेपर देने वाले) भी शामिल हैं.
इन लोगों ने दूसरे से दिलवाए पेपर
नौकरी पाने वाले कैंडिडेट लोकेन्द्र कुमार धाकड़, अविनाश जयंत, राजेश प्रजापति, भूरा रावत, राधेश्याम यादव और विकाश रावत ने अपनी जगह पर किसी दूसरे व्यक्ति से पेपेर दिलवाए थे. इन डमी कैंडिडेट ने लिखित परीक्षा पास कर नौकरी दिलाई. इन डमी कैंडिडेटों में हेमंत सिंह जाट, सर्वेश कुमार झा, नरेश प्रजापति, रामवीर सिंह रावत तथा हरिओम तोमर शामिल हैं. इन सभी 11 लोगों को सजा सुनाई गई है.
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बता दें व्यापमं घोटाला मध्य प्रदेश का सबसे चर्चित घोटाला रहा है. इस मामले में कई आरोपियों को सजा हो चुकी है. वहीं कई लोगों को लेकर अभी भी जांच चल रही है. इस घोटाले में कई लोगों ने फर्जी तौर पर नौकरी हासिल की है. ताजा मामले में सीबीआई कोर्ट ने मामले में 11 लोगों को कठोर करावास की सजा सुनाई है.