MP Vidhansabha Congress Walkout: आज, गुरुवार, 20 मार्च को एमपी विधानसभा के बजट सत्र के सातवा दिन था। जिसके चलते विधानसभा में परिवहन विभाग में हुए घोटाले पर जमकर बहस हुई। नेता प्रतिपक्ष ने सौरभ शर्मा मामले में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई न होने का आरोप लगाया। उमंग सिंघार ने सरकार से सवाल का जवाब मांगते हुए पूछा 52 किलो सोने और 10 करोड़ कैश के बारे में अब तक कुछ क्यों नहीं पता चल पाया है। उन्होंने चेक पोस्ट पर अवैध वसूली की भी बात कही है।
इस पर परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने जवाब दिया कि इस मामले की जांच राज्य स्तर पर ही नहीं, बल्कि केंद्र की जांच एजेंसियां भी कर रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि सौरभ शर्मा की नियुक्ति नियम-अनुसार हुई थी। लेकिन उसके शपथ पत्र में ये गलत जानकारी दी गई की उसके परिवार से कोई भी सरकारी नौकरी में नहीं है। लेकिन उस वक्त किसी ने इस पर आपत्ति नहीं उठाई।
ऐसे बरामद हुए 1 करोड़ नकद और 20 करोड़ की अचल संपत्ति
परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने बताया कि चेक पोस्ट पर हुई अनियमितताओं के मामले में सौरभ शर्मा के ठिकाने और कार्यालय पर छापेमारी की गई। इस दौरान एक करोड़ रुपए नकद और 20 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति जब्त की गई। जांच के दौरान प्राप्त सरकारी आंकड़ों के आधार पर सौरभ शर्मा, शरद जायसवाल और चेतन सिंह को आरोपी घोषित किया गया है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार का जवाब सिर्फ चार पन्नों में सीमित था, इसका मतलब है कि अब कोई कार्रवाई नहीं होगी। क्या सिर्फ अधिकारियों को हटाना भ्रष्टाचार को खत्म करने का समाधान है? क्या पिछले ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने घोटाला नहीं किया होगा? उन्होंने विभाग के एसीएस से जवाब तलब किया और कहा कि केंद्रीय एजेंसियां कार्रवाई कर रही हैं। गाड़ी और फार्म हाउस किसके हैं, यह सब मालूम है, लेकिन सोना और पैसा किसका है, इसका अब तक कोई पता नहीं चला।
विधानसभा कमेटी या सुप्रीम कोर्ट करे CBI जांच की निगरानी
कहां गयी भाजपा की ED और सीबीआई?
प्रदेश में घोटाले हो रहे हैं सोनें की ईंटे निकल रही हैं नगदी निकल रही हैं मगर सरकार कुछ पता नहीं लगा पा रही है कि ये सब कहां से आ रहा है। जांच के नाम पर ED और सीबीआई जांच कराने वाली सरकार परिवहन घोटाले पर बड़े मगरमच्छों को क्यों नहीं पकड़ रही है?… pic.twitter.com/idED1xUjDv
— Umang Singhar (@UmangSinghar) March 20, 2025
उमंग सिंघार ने जांच एजेंसियां की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए पूछा- 2013 से जितने परिवहन मंत्री रहे उनकी जांच क्यों नहीं हुई? जिन अधिकारियों पर आरोप लग रहे हैं उनकी सीडीआर क्यों नहीं देखी गई। अधिकारियों के नार्को टेस्ट क्यों नहीं करवाते हैं। पैसा क्या आसमान से आया है? सरकार को जवाब देना होगा। इतनी सारी जांच एजेंसियां कार्रवाई कर रही है, लेकिन अब तक पता नहीं चला पैसा और सोना कहां से आया। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने विधानसभा कमेटी या सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई की जांच मांग की है।
रिपोर्ट आने तक दूसरी एजेंसी जांच कराना उचित नहीं
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि जांच एजेंसी पता लगा रही है पैसा और सोना किसका है। सरकार हर संभव तरीके से इन एजेंसियों का सहयोग कर रही है और एक ऐसा सिस्टम तैयार किया जा रहा है जो पूरी तरह से पारदर्शी हो। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिस ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को हटाया गया, उसके खिलाफ FIR दर्ज की गई है। उन्होंने पूछा कि क्या सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच होगी। इस पर उदय प्रताप ने कहा कि मौजूदा जांच एजेंसियां जब तक अपनी जांच पूरी नहीं कर लेतीं और रिपोर्ट नहीं आती, तब तक दूसरी एजेंसी को जांच सौंपना उचित नहीं होगा।
सदन से कांग्रेस का वॉक आउट
सोने की ईंट किसकी है, जांच कराओं ….!
आज विधानसभा सत्र के दसवें दिन सौरभ शर्मा केस और परिवहन घोटाले में सीबीआई जांच न कराने और जांच में लापरवाही के खिलाफ हमने सरकार के गैर जिम्मेदाराना रवैये को देखते हुए सदन से वॉक-आउट किया।
बीते कई दिनों से हमारी सरकार से मांग रही है कि… pic.twitter.com/rHWB6WekB5
— Umang Singhar (@UmangSinghar) March 20, 2025
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि परिवहन घोटाले में बड़े आरोपियों को अभी तक बचाया गया है और इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए, साथ ही मंत्री और अधिकारियों की भी जांच की जानी चाहिए। इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन में जोरदार नारेबाजी की और सीबीआई जांच की मांग करते हुए विपक्ष ने वॉक आउट कर दिया।
कांग्रेस विधायक ने भोज विश्वविद्यालय का उठाया मामला, कहा, ‘नियम के विरुद्ध हुई नियुक्तियां’
MP Budget Session 2025: मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सेशन में आज गुरुवार (20 मार्च) को प्रश्नकाल के दौरान भोज विश्वविद्यालय में अवैध नियुक्तियां का मामला उठाया गया है। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक नारायण सिंह पट्टा ने भोज विश्वविद्यालय में 2013-14 में कर्मचारियों की अवैध नियुक्ति का मामला सदन में उठाया। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें