हाइलाइट्स
- कॉलेजों को स्वयं पोर्टल पर पंजीयन कराना जरूरी।
- ऑनलाइन कोर्स अनिवार्य, 6 कोर्स की लिस्ट जारी।
- कई कॉलेज उपलब्ध नहीं करा पाए पंजीयन रिपोर्ट।
MP Swayam Portal Online Course: मध्य प्रदेश में उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के जुलाई 2025 से सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को स्वयं पोर्टल पर छात्रों का पंजीयन अनिवार्य करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही छात्रों के लिए ऑनलाइन कोर्स अनिवार्य किए गए हैं, श्रीमद्भगवद्गीता सहित 6 कोर्स की लिस्ट जारी गई है। उच्च शिक्षा विभाग आयुक्त प्रबल सिपाहा ने इस संबंध में सभी शैक्षणिक संस्थाओं को एक पत्र भेजा है, जिसमें हिंदी में उपलब्ध 6 ऑनलाइन कोर्स की सूची भी संलग्न है।
स्वयं पोर्टल पंजीयन क्यों अनिवार्य?
उच्च शिक्षा विभाग के अनुसार, ऑनलाइन कोर्स से छात्रों का समग्र विकास, बहुआयामी शिक्षा और राष्ट्रव्यापी गुणवत्तापूर्ण शिक्षण तक पहुंच सुनिश्चित होगी। विभाग ने सभी शासकीय, स्वायत्त और निजी कॉलेजों से 19 जुलाई की स्थिति में पंजीयन-स्थिति रिपोर्ट 21 जुलाई तक बनाने को कहा था, लेकिन कई संस्थाएं अभी भी अनुपालन में पीछे हैं।
हिंदी में उपलब्ध ऑनलाइन कोर्स
- किशोर स्वास्थ्य
- अपना आहार (Basics of Nutrition)
- पर्यावरण अध्ययन
- इंडियन नॉलेज सिस्टम (ISK)
- इंट्रोडक्शन ऑफ एथिक्स
- श्रीमद्भगवद्गीता: पाठ्य एवं दार्शनिक अन्वेषण
- योग टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम
इनमें से कुछ क्रेडिट आधारित कोर्स, जबकि कुछ डिप्लोमा स्तर के हैं।
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छात्रों के लिए गीता कोर्स का महत्व
विभाग ने विशेष रूप से कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता कोर्स न केवल आध्यात्मिक ज्ञान बढ़ाएगा, बल्कि जीवन की व्यापक समझ से परिचित कराएगा। यह किसी भी पृष्ठभूमि या हित वाले व्यक्ति के लिए उपयोगी है, चाहे वह उद्योगपति हो, कलाकार, छात्र या शोधकर्ता। हर वह जिज्ञासु जो जीवन को गहराई से समझना चाहता है।
इस पाठ्यक्रम के माध्यम से न केवल श्रीमद्भगवद्गीता को समझने का अवसर मिलेगा, बल्कि यह आत्मचिंतन और आत्मबोध की एक नई दिशा भी प्रदान करेगा। यही कारण है कि विभाग ने सभी छात्रों से आग्रह किया है कि वे इस आध्यात्मिक यात्रा में सहभागी बनें और अनुभव करें कि गीता मात्र एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन के हर पहलू को प्रकाशित करने वाली जीवंत ज्ञानधारा है, जो आज भी हमें उद्देश्य और मार्गदर्शन प्रदान करती है।
आईएसके कोर्स और आत्मनिर्भरता
इसी प्रकार, ‘इंडियन नॉलेज सिस्टम’ (आईएसके) कोर्स में भारत की पारंपरिक स्वदेशी तकनीकों और आत्मनिर्भरता की परंपराएं शामिल हैं। यह कोर्स छात्रों को भारतीय संस्कृति की वैज्ञानिक सोच, नवाचार और आत्मनिर्भरता के मूल सिद्धांतों से परिचित कराता है, जो आधुनिक भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
विभाग का पक्ष: समग्र विकास की दिशा में अहम कदम
उच्च शिक्षा विभाग का मानना है कि स्वयं पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध ऑनलाइन कोर्स छात्रों के व्यक्तित्व विकास, ज्ञानवर्धन और बहुआयामी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए जरूरी हैं। ये कोर्स न केवल छात्रों को राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों और गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक कंटेंट से जोड़ते हैं, बल्कि उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए भी तैयार करते हैं।
विभाग का कहना है कि नई शिक्षा नीति के तहत डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देना समय की मांग है, और यह कदम उसी दिशा में एक मजबूत पहल है। हालांकि, छात्रों और कॉलेज प्राचार्यों की प्रतिक्रियाएं इस विषय पर आगे और संवाद तथा चिंतन की संभावना अवश्य उत्पन्न कर सकती हैं।
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