महाराष्ट्र। MP UNESCO Conference मध्यप्रदेश के लिए आज का दिन बेहद खास है जहां पर आज 17 अप्रैल से यूनेस्को की दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस की शुरूआत हो रही है जहां पर इसका शुभारंभ मुख्यमंत्री शिवराज सिह चौहान करेंगे। यह कॉन्फ्रेंस मुख्य तौर पर यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन), पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार, भारतीय पुरातत्व संरक्षण और पर्यटन विभाग मप्र के संयुक्त तत्वाधान में विश्व विरासत पर उप-क्षेत्रीय सम्मेलन (सब-रीजनल कॉन्फ्रेंस) के तहत होने जा रहा है। जिसमें शामिल होने के लिए भारत के ही नहीं भूटान, बांग्लादेश, नेपाल, मालदीव और श्रीलंका देशों के प्रतिनिधि आए है।
जानिए क्या रहेगा सम्मेलन में खास
आपको बताते चलें कि, इस सम्मेलन की जानकारी देते हुए पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव एवं एमपी टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक शिवशेखर शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि, दो दिन के सम्मेलन में भारत, भूटान, बांग्लादेश, नेपाल, मालदीव, श्रीलंका के विभिन्न राज्यों से प्रतिनिधि विश्व विरासत स्थलों के संरक्षण के क्षेत्र में उपलब्धियों, चुनौतियों एवं आगामी रणनीति जैसे विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे। वही पर यूनेस्को नई दिल्ली के ऑफिस इंचार्ज हिचकील देलमिनी, मंत्री उषा ठाकुर भी मौजूद रहेंगे। इस सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर विश्व धरोहरों के संरक्षण की दिशा में पिछले 50 वर्षों की उपलब्धियों को देखेगा और अगले 50 वर्षों के बारे में मंथन करेगा। जिसका केंद्र विश्व विरासत और सतत विकास, विश्व विरासत और सतत पर्यटन, विश्व विरासत और वैश्विक रणनीति, ऐतिहासिक शहरी परिदृश्य जैसे विषयों पर मंथन और चर्चा की जाएगी।
जानिए कार्यक्रम में कौन सी हस्तियां होगी शामिल
आपको बताते चलें कि, आज के कार्यक्रम में बांग्लादेश के सांस्कृतिक मामलों के मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुब्रत भौमिक और सहायक कीपर बांग्लादेश राष्ट्रीय संग्रहालय डॉ. शौकत इमाम खान, भूटान से विशेषज्ञ, संस्कृति विभाग त्शेरिंग नामग्याल, कार्यकारी वास्तुकार जोंगखा और कर्मा तेनजिन, मालदीव से माले ‘फ्राइडे मस्जिद संरक्षण परियोजना की परियोजना प्रबंधक ऐशथ मुनीजा और वास्तुकार मौरूफ जमील, नेपाल से संस्कृति प्रभाग, संस्कृति, पर्यटन के संयुक्त सचिव/प्रमुख डॉ. सुरेश सुरस श्रेष्ठ और पुरातत्व अधिकारी हिमाल कुमार उप्रेती, लुंबिनी (भगवान बुद्ध का जन्मस्थान) श्रीलंका से बुद्धासन, धार्मिक-सांस्कृतिक मंत्रालय के सचिव सोमरत्ने विदनापथिराना और श्रीलंका के केंद्रीय सांस्कृतिक कोष के महानिदेशक प्रो. गामिनी रणसिंघे सहित 50 से अधिक प्रतिनिधि भोपाल आ चुके है। इसके अलावा संबंधित संगठन भी इसमें शामिल होगे।
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