MP Shikshak Bharti 2024: मध्य प्रदेश में शायद ही कोई ऐसी भर्ती है जिसमें कहीं कोई विवाद न हो। शिक्षक भर्ती के मामले में ये विवाद ज्यादा गहरे और बड़े हैं। वर्ग 1 यानी उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती 2023 भी विवादों में है। भर्ती स्कूल शिक्षा और ट्राइबल विभाग कर रहा है।
ट्राइबल विभाग ने कई विषयों में OBC-EWS को आरक्षण ही नहीं दिया। जिससे OBC और EWS उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट में याचिका लगा दी है। मामला कोर्ट में विचाराधीन है, लेकिन अब ट्राइबल विभाग पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या उसने पुरानी भर्ती पर नया विज्ञापन जारी किया था?
पहले समझें 2018 की भर्ती क्या थी?
अक्टूबर 2018 में स्कूल शिक्षा विभाग और जनजातीय कार्य यानी ट्राइबल विभाग ने संयुक्त भर्ती का विज्ञापन जारी किया। ट्राइबल विभाग ने 2220 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया। फरवरी 2019 में परीक्षा हुई। अगस्त 2019 में रिजल्ट आया। जनवरी 2020 में प्रथम काउंसलिंग हुई। जिसमें करीब 650 उम्मीदवारों के अक्टूबर 2021 को नियुक्ति पत्र जारी हुए।
अगस्त 2022 में सेकेंड काउंसलिंग हुई। जिसमें करीब 150 नियुक्ति पत्र सितंबर 2022 में जारी किये गए। सितंबर 2022 में संयुक्त रूप से स्कूल शिक्षा विभाग और ट्राइबल विभाग ने तृतीय काउंसलिंग की। जिसमें करीब 150 से 200 नियुक्ति पत्र अप्रैल 2023 में जारी किये गए।
पुरानी भर्ती में बचे थे 1129 पद
वर्ग 1 शिक्षक भर्ती 2018 में ट्राइबल विभाग ने 2220 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसमें एसटी को 20, एससी को 16, ओबीसी को 27 और EWS को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया।
ट्राइबल विभाग पर सवाल: शिक्षक भर्ती में OBC-EWS को नहीं मिला आरक्षण, क्या पुरानी भर्ती पर जारी किया था नया विज्ञापन?#TeacherRecruitment #MPTeacher #MPNews #MPTeacherRecruitment #OBCreservation #EWS @MPYuvaShakti @NEYU4MP @UmangSinghar @CMMadhyaPradesh @jitupatwari… pic.twitter.com/VSOJfUADXm
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तीन काउंसलिंग के बाद भी ट्राइबल विभाग 1091 पदों पर भर्ती कर सका और 2018 की ही भर्ती में 1129 पद रिक्त हो गए। विभाग ने 2023 की भर्ती के विज्ञापन में भी 1129 पदों पर ही भर्ती निकाली।
ट्राइबल विभाग पर इसलिए हो रहे सवाल खड़े
ट्राइबल विभाग पर सवाल सिर्फ इसलिए खड़े नहीं हो रहे क्योंकि 2018 की भर्ती में बचे पद और 2023 की भर्ती में दिये गए पदों की संख्या समान है, बल्कि सवाल इसलिए खड़े हो रहे हैं क्योंकि नई भर्ती में रोस्टर पुराना लिया गया है। 2018 की भर्ती में कई विषयों में OBC और EWS के उम्मीदवारों की भर्ती पूरी हो गई थी।
उम्मीदवारों का आरोप है कि चूंकि भर्ती पुरानी ही है, इसलिए जिन विषयों में OBC और EWS कैटेगिरी की भर्ती पूरी हो चुकी थी, इसलिए उन विषयों में 2023 की भर्ती में OBC और EWS कैटेगिरी का आरक्षण या तो मिला ही नहीं है या न के बराबर है।
इन दो सवालों के जवाब में उलझेगा विभाग
1. भर्ती नई तो आरक्षण कहां गया: पहला सवाल यही है कि यदि 2023 की भर्ती यदि नई थी तो नियमानुसार सभी आरक्षित कैटेगिरी को आरक्षण क्यों नहीं दिया गया। विषयवार भर्ती में ओबीसी का 27 और EWS का 10 प्रतिशत आरक्षण कहां गया? जाहिर सी बात है यदि रोस्टर पुराना है तो विषयवार सभी आरक्षित श्रेणी को रिजर्वेशन कहां से मिलेगा।
2. भर्ती पुरानी थी तो क्लीयर क्यों नहीं किया: दूसरा सवाल ये है कि यदि भर्ती पुरानी थी तो पहले इसे क्लीयर क्यों नहीं किया गया। दरअसल फार्म भरते समय आरक्षित श्रेणी में उम्मीदवारों ने फार्म भर दिये। इसके लिए फीस भी दी और दो दो एग्जाम क्रेक करने के बाद उन्हें पता चला कि जिस कैटेगिरी में उन्होंने फार्म भरा था, उसमें तो भर्ती ही नहीं है।
EWS उम्मीदवारों का हक खा गए जिम्मेदार
ट्राइबल डिपार्टमेंट ने भर्ती के रोस्टर में EWS कैटेगिरी ही गायब कर दी है, जबकि नियमानुसार किसी भी भर्ती में EWS उम्मीदवारों के लिये 10 फीसदी आरक्षण दिया जाना है।
विभाग ने सिर्फ कृषि विज्ञान विषय में EWS आरक्षण दिया है। बाकि अन्य 15 विषयों में EWS आरक्षण या तो गायब ही कर दिया है या ना के बराबर पद दिये हैं।
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OBC उम्मीदवारों का आरक्षण भी नील गए जिम्मेदार
उच्च माध्यमिक यानी वर्ग 1 शिक्षक भर्ती 2023 (MP Teacher Bharti Issue) किसी भर्ते से कम नहीं है। यह भर्ती शुरु से ही विवादों में रही।
ये माना कि ओबीसी के 27% आरक्षण पर विवाद है, पर इसका मतलब ये नहीं कि OBC उम्मीदवारों का हक ही खा लिया जाए। इस भर्ती में OBC को 14% आरक्षण तो छोड़िए अर्थशास्त्र, इतिहास, गणित और संस्कृत जैसे विषयों में एक भी पद नहीं दिया गया है।
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…तो क्या भर्ती पर लग सकती है रोक
वर्ग 1 शिक्षक भर्ती 2023 शुरु से विवादों में है। स्कूल शिक्षा विभाग के विरुद्ध पहले से ही हाईकोर्ट जबलपुर में सुनवाई चल रही हैं। सिंगल बेंच ने भर्ती पर रोक लगा दी थी, जिसे डबल बेंच में चैलेंज किया गया। डबल बेंच ने भी ज्वाइनिंग लेटर जारी करने पर लगी रोक को बरकरार रखा है।
अब ट्राइबल डिपार्टमेंट को लेकर भी मामला हाईकोर्ट पहुंच चुका है। ये तय है कि रोस्टर में आरक्षण नियमों का पालन नहीं हुआ है। ऐसे में कोई बड़ी बात नहीं कि आने वाले समय में इस भर्ती पर रोक भी लग सकती है।