MP Transport Corporation: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें राज्य परिवहन निगम के संचालन को फिर से शुरू करने की मांग की गई है। कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। यह याचिका सेंधवा के बीएल जैन ने एडवोकेट अभिषेक तुगनावत के माध्यम से दायर की है।
राज्य परिवहन निगम के बंद होने से लोगों को हो रही समस्या
राज्य परिवहन निगम के बंद होने से आम नागरिकों को आवागमन में बहुत परेशानी हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग माल वाहनों में 30-40 यात्री बैठकर यात्रा कर रहे हैं, जिससे दुर्घटनाएं हो रही हैं। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह नागरिकों को शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराए। इस समस्या के समाधान के लिए, मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य सड़क परिवहन निगम को फिर से शुरू करने के लिए परिवहन विभाग को प्रस्ताव भेजा है ¹. यह कदम आम नागरिकों को सुरक्षित और सुविधाजनक आवागमन की सुविधा प्रदान करने में मदद करेगा।
2005 में बंद हुई थी परिवहन सेवा
मध्य प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की स्थापना 1962 में हुई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य यात्रियों को सस्ती और सुलभ यात्रा सुविधाएं प्रदान करना था। इसके अलावा, दूरस्थ और पिछड़े क्षेत्रों में पर्याप्त बस सेवाएं उपलब्ध कराना भी इसका एक महत्वपूर्ण लक्ष्य था। लेकिन दुर्भाग्य से, यह सेवा 2005 में बंद कर दी गई। इसके विपरीत, केरल और महाराष्ट्र में ऐसी सेवाएं अभी भी जारी हैं। केरल में, तो लगभग हर मार्ग पर लक्जरी बसें चल रही हैं, जो यात्रियों को आरामदायक यात्रा का अनुभव कराती हैं ¹। यह दर्शाता है कि अन्य राज्यों में भी ऐसी सेवाएं सफलतापूर्वक चलाई जा सकती हैं। मध्य प्रदेश में भी ऐसी सेवाओं की आवश्यकता है, ताकि आम नागरिकों को सस्ती और सुलभ यात्रा सुविधाएं मिल सकें।
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सरकार से मांगा जवाब
याचिका में पूछा गया है कि अन्य राज्यों में राज्य परिवहन निगम सफलतापूर्वक चल रहे हैं तो फिर मध्य प्रदेश में इसे दोबारा शुरू क्यों नहीं किया जा सकता। याचिकाकर्ता की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने मुख्य सचिव, परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव, मध्य प्रदेश सड़क परिवहन निगम के प्रबंध संचालक और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।