MP TET 2018 High Court: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि भर्ती प्रक्रिया पूरी होने से पहले बीच में ही नियमों में बदलाव क्यों किया गया। ये मामला उच्च माध्यमिक और माध्यमिक शिक्षक भर्ती को लेकर आयोजित की गई शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 से जुड़ा है। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने इस मामले में राज्य शासन को 2 हफ्ते में जवाब पेश करने के निर्देश दिए।
MP TET पास कैंडिडेट्स ने लगाई याचिका
उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) 2018 में पास हुए अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में यचिका दायर की थी। जबलपुर के लोचन सिंह विश्वकर्मा, मंदसौर के श्याम लाल रविदास और वीरेंद्र कुमार पाटीदार, बुरहानपुर के अश्विनी महाजन सहित कई उम्मीदवारों की ओर से वकील विनायक प्रसाद शाह और पुष्पेंद्र कुमार शाह ने पक्ष रखा।
दिसंबर 2022 में बदले गए नियम
MP TET 2018 से शिक्षा विभाग के लगभग 17 हजार और जनजाति विभाग के लगभग 2 हजार पदों पर उच्च माध्यमिक शिक्षक की भर्ती किया जाना था। सरकार ने लगभग 8 हजार पदों पर ही नियुक्ति की। इसके बाद दिसंबर 2022 में भर्ती नियमों में संशोधन किया गया। जिसके अनुसार शिक्षक पात्रता परीक्षा पास हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति पाने के लिए शिक्षक चयन परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य कर दिया।
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नियम बदलने को चुनौती
नियमों में संशोधन को चुनौती दी गई है। दलील दी गई कि एक ही पात्रता परीक्षा में अनेक अभ्यर्थियों की नियुक्ति करने के बाद सरकार ने नियम को बदला है जिसकी वजह से एक ही समान स्थिति के लोगों के साथ सरकार भेदभाव कर रही है। हजारों पद खाली पड़े हैं, लेकिन सरकार शिक्षक चयन परीक्षा का आयोजन कर रही है।
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