MP Teachers Joining Case: मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग और जनजाति कार्य विभाग द्वारा 2021 से 2024 तक NCTE के नियमों के विरुद्ध लगभग 17 हजार से अधिक हाई स्कूल शिक्षकों की भर्ती की गई है।
लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) ने कोर्ट को शपथ पत्र पर देकर अवगत कराया है कि 448 शिक्षक ऐसे हैं जिनकी पोस्ट ग्रेजुएट की मार्क शीट में 45% से अधिक तथा 50% से कम अंक हैं। उनकी अंकसूची में द्वितीय क्षेणी लिखा होने के कारण नियुक्ति दी गई हैं।
जबकि याचिका कर्ताओ के अंक 50% से कम तथा 45% से अधिक हैं, लेकिन उनकी अंकसूची में तृतीय श्रेणी लिखा होने के कारण नियुक्ति नहीं दी गई है। प्रकरण की अगली सुनवाई 19 दिसंबर को है।
हाईकोर्ट ने ये दिया आदेश
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने हाईकोर्ट को बताया कि 17 हजार से अधिक पदों पर भर्ती का विज्ञापन था, लेकिन केवल 12 हजार पदों पर ही नियुक्तियां की गई हैं, शेष पद रिक्त हैं।
तब हाईकोर्ट ने शासन के अधिवक्ता को कहा कि याचिका कर्ताओ की रिक्त पदों पर नियुक्ति की जा सकती हैं या नहीं, आगामी सुनवाई दिनांक यानी 19 दिसंबर को अवगत कराए अन्यथा 50% से कम अंक वाले सभी शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त करके पुनः संशोधित नियमनुसार काउंसलिंग करना होगी।
इन्होंने लगाई है याचिका
अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका क्रमांक WP 29838/2024, शिवानी शाह, WP/1177/2024, हेमंत चौधरी, WP/3198/2023 हुसैन मोहोम्मद, WP/684/2023 प्रदीप अहिरवार, WP/12985/2021 अवनीश त्रिपाठी ने याचिकाएं दायर करके नियमो की संवैधनिकता को चुनौती दी।
उक्त याचिकाओ की एक साथ सुनवाई 16 दिसंबर को चीफ जस्टिस सुरेश कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंड पीठ द्वारा की गई।
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शासन ने दी अधूरी जानकारी
जवाब के लिए मध्य प्रदेश शासन को कई अवसर देने के बावजूद शासन ने 13 दिसंबर को अधूरी जानकारी प्रस्तुत की।
शासन द्वारा प्रस्तुत रिकार्ड को अपर्याप्त मानते हुए हाईकोर्ट ने राज्य शासन को स्पष्ट निर्देश दिए कि उक्त विवादित नियम को तत्काल संशोधन करके 18 दिसंबर को कोर्ट को सूचित करें एवं याचिका कर्ताओ को हाईस्कूल शिक्षक के पद पर नियुक्ति देने हेतु इंस्ट्रक्शन लेकर कोर्ट को अवगत कराएं।
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