MP Teacher Duty: एमपी में एक अजब गजब मामला सामने आया है. जिसको लेकर शिक्षक संगठनों में जमकर विरोध देखा जा रहा है. दरअसल ग्वालियर जिला शिक्षा विभाग ने सरकारी शिक्षकों और शिक्षा विभाग से जुड़े कर्मचारियों की ड्यूटी भीख मांगने वाले बच्चों को खोजने में लगाई है. अब शिक्षक सड़क और चौराहों पर भिखारियों को खोजेंगे. इस आदेश का शिक्षक संगठनों में जमकर विरोध देखा जा रहा है.
जिला शिक्षा अधिकारी ने लगाई ड्यूटी
ग्वालियर जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षकों को भिखारियों को खोजने का नया काम सौंपा है. इसके लिए विभाग की ओर से बकायदा आदेश भी जारी हुआ है. आदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग के विशेष अभियान का जिक्र भी किया गया है. आदेश जिले के हायर सेकेंडरी स्कूल के कुछ प्रिंसिपल, कर्मचारियों समेत दस लोगों के लिए है.
आदेश के बाद शिक्षक संगठनों ने जताई आपत्ति
जैसे ही यह आदेश जारी हुआ. प्रदेश स्तर के शिक्षक संगठनों ने इसका विरोध शुरु कर दिया. आज़ाद अध्यापक संघ के अध्यक्ष भरत पटेल ने कहा कि हाईकोर्ट ने कुछ साल पहले ही स्पष्ट आदेश सरकार को दिया था. जिसमें कहा गया था कि गैर शैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों की सेवाएं न ली जाएं. इसके बाद भी दूसरे विभागों के काम टीचर्स से ही कराए जा रहे हैं.
आदेश का ये है मकसद
ग्वालियर जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी आदेश में जिक्र किया गया है कि यह कदम भिक्षावृति को रोकने, सड़क पर रहने वाले बच्चों के पुनर्वास के लिए उठाए गए हैं. इसके साथ ही अपराध की दुनिया में कदम रख चुके बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है.
जिला शिक्षा अधिकारी ने दिया ये जवाब
इस मामले पर जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. अजय कटियार ने कहा कि पिछले सप्ताह कलेक्टर की उपस्थिति में महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ मिंटिंग हुई थी. इस ऑनलाइन बैठक में सभी विभागों को निर्देश दिए गए थे कि सड़कों पर भीख मांगने वाले बच्चों को स्कूलों तक लाना है. इस अभियान का मुख्य उद्देश्य यही है. इसलिए ये आदेश दिए गए हैं.
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