हाइलाइट्स
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5670 रिक्त पदों पर वर्ष 2018 में हुई माध्यमिक शिक्षक भर्ती
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प्रथम काउंसलिंग के बाद रह गए 2237 पद खाली
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रिक्त पदों पर भर्ती के लिये हाईकोर्ट जबलपुर में लगाई है याचिका
MP Teacher Recruitment Case: मध्य प्रदेश में माध्यमिक शिक्षक भर्ती 2018 के बचे हुए 2237 पदों पर अब तक क्यों नियुक्ति नहीं हुई, इसका जवाब सरकार को 22 फरवरी तक हाईकोर्ट जबलपुर में देना है।
माध्यमिक शिक्षक भर्ती 2018 के बचे पदों को भरने की याचिका (WP/2543/2024) पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकल पीठ ने यह आदेश (MP Teacher Recruitment Case) दिया है।
स्कूल एजुकेशन के प्रमुख सचिव और डीपीआई के कमिश्नर को मामले में अपना जवाब प्रस्तुत करना है।
याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने RTI से निकाली जानकारी
हाईकोर्ट (MP Teacher Recruitment Case) में याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता धीरज तिवारी ने RTI लगाकर 2018 की भर्ती के रिक्त पदों की जानकारी मांगी।
लोक शिक्षण संचालनालय ने इस RTI के जवाब में बताया कि माध्यमिक शिक्षकों के 5670 रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया हुई।
4582 पदों पर ज्वाइनिंग के आदेश हुए, लेकिन इनमें से 3433 शिक्षक ही कार्यरत हैं। यानी 2237 पदों को रिक्त होना बताया गया।
9 उम्मीदवारों की याचिका पर हो रही सुनवाई
मध्यमिक शिक्षक भर्ती से जुड़े 9 उम्मीदवारों की याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई (MP Teacher Recruitment Case) हो रही है।
इनमें साक्षी पटेल, ललित बिसेन, पंकज लांजेवर, हेमंत साहू, राजेश करन, भास्कर शर्मा, संगीता माहौर, दिनेश शाक्या, नेहा प्रजापति ने हाई कोर्ट में 30 जनवरी 2024 में याचिका लगाई है।
दस्तावेज के सत्यापन के बाद भी नियुक्ति नहीं
याचिकाकर्ताओं (MP Teacher Recruitment Case) की ओर से बताया गया कि दस्तावेज सत्यापन होने के बाद भी उन्हें नियुक्ति नहीं मिली है। जबकि पहली काउंसलिंग के बाद 2237 पद रिक्त हैं।
इसके उलट 29 सितंबर 2022 को विभाग ने 5 हजार पदों पर भर्ती का नया विज्ञापन जारी कर दिया।
काउंसलिंग करने से क्यों बच रहा विभाग
याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता धीरज तिवारी ने बंसल न्यूज डिजिटल को बताया कि शिक्षा विभाग काउंसलिंग कराने से बच क्यों रहा है। 2013 में जब शिक्षक भर्ती हुई तब 3 काउंसलिंग की गई।
2019 में पटवारी भर्ती में 10 काउंसलिंग की गई तो माध्यमिक शिक्षक भर्ती में अतिरिक्त काउंसलिंग कराकर रिक्त पदों पर नियुक्ति क्यों नहीं दी जा रही है।