हाइलाइट्स
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MP की सभी शिक्षक भर्ती में है विवाद
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10 हजार उम्मीदवार ले चुके हैं कोर्ट की शरण
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200 याचिकाएं हाईकोर्ट में फैसले के इंतजार में
MP Teacher Bharti: मध्य प्रदेश में हर शिक्षक भर्ती में विवाद है।
2018 और उसके बाद हुई परीक्षा और भर्ती को लेकर जो स्थिति बनी उससे ऐसा लगता है मानो स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी खुद उम्मीदवारों को कोर्ट जाने की नसीहत दे रहे हो।
शिक्षक भर्ती (MP Teacher Bharti) से जुड़े करीब 10 हजार उम्मीदवारों ने एमपी हाईकोर्ट में 200 याचिकाएं लगा रखी हैं।
अधिकारियों पर खड़े हो रहे सवाल
शिक्षक भर्ती (MP Teacher Bharti) को लेकर अधिकारियों के रवैये पर ही सवाल है। लाखों की सैलरी लेने वाले इन अधिकारियों से एक शिक्षक भर्ती बिना विवादों के पूरी नहीं हुई।
भर्ती का भर्ता: MP की हर शिक्षक भर्ती में विवाद, हाईकोर्ट में 10 हजार कैंडिडेट ने लगा रखी हैं 200 याचिकाएं#MPNews #MPTeacherRecruitment #TeacherRecruitment @CMMadhyaPradesh @jitupatwari @UmangSinghar @NEYU4INDIA
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इसमें तर्क ये आ सकता है कि अधिकारी किसी को कोर्ट जानें से नहीं रोक सकते। बिल्कुल सही भी है, लेकिन बीते तीन महीने में कोर्ट का एक भी ऐसा डिसीजन सामने नहीं आया जब कैंडिडेट की याचिका को गलत और अधिकारियों की कार्रवाई को सही माना हो।
इनके रवैये से हाईकोर्ट तक को ये कहना पड़ा
1- उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती में 15 फरवरी को गोलमोल जवाब देने पर हाईकोर्ट ने कटनी जिला शिक्षा अधिकारी को फटकार लगाते हुए कहा था कि आप लोग क्या सोच रहे हैं, कोर्ट जो है बिल्कुल भांग खाकर बैठ रहे हैं।
2- वर्ग 1 शिक्षक भर्ती मामले में 23 फरवरी को सुनवाई के दौरान सही जवाब नहीं देने पर हाईकोर्ट ने डीपीआई कमिश्नर को लेकर कहा कि उनको बोले कि वे इंग्लिश की क्लास लगा लें। पढ़ लें, गलत जवाब न दिया करें।
ये एक जजमेंट ही आईना दिखाने के लिए काफी
उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती (MP Teacher Bharti) 2018 के 848 EWS उम्मीदवारों को 45 दिनों में भर्ती देने के आदेश दिए। तब तक नई भर्ती पर रोक लगा दी।
जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा ये हुआ कि 7591 पदों पर वर्ग-1 की नई भर्ती पर रोक लग गई।
इन शिक्षक भर्तियों को लेकर है ये विवाद
1- वर्ग 1 शिक्षक भर्ती 2023 में 16 विषयों में 8720 पदों पर भर्ती होना है। बैकलॉग, जातिगत आरक्षण के बाद हालत ये है कि मेरिट में आए उम्मीदवारों की भी बामुश्किल नियुक्ति हो पाएगी। उम्मीदवारों ने पदवृद्धि की मांग की है।
2- प्राथमिक शिक्षक भर्ती यानी वर्ग—3 में 11 हजार से अधिक बीएडधारी कैंडिडेटों को नियुक्ति दे दी। आरोप है कि बीएड इस भर्ती के लिए मान्य ही नहीं है। इस भर्ती में सिर्फ डीएड वालों को नियुक्ति दी जाना थी।
वर्ग 2 के इस मामले में हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
दमोह के यागादत्त तंतुवाय ने बताया कि वह माध्यमिक शिक्षक भर्ती (MP Teacher Bharti) 2018 में शामिल हुए। परीक्षा पास की। अपने दस्तावेज 2022 में सत्यापित भी कराए।
उसके बाद चयन सूची में नाम आया और शाला विकल्प शुल्क जमा भी किया। पर नियुक्ति आदेश आज तक नहीं आया।
हाईकोर्ट ने शासन से 7 दिनों के अंदर इस मामले में जवाब मांगा है। sc वर्ग के 989 पदों में से 272 पद आज भी रिक्त हैं।
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शिक्षक भर्ती से जुड़े ये केस हाईकोर्ट में पेंडिंग
शिक्षक भर्ती (MP Teacher Bharti) से जुड़े Ews उम्मीदवारों के 21 केस, Obc आरक्षण से जुड़े 17 केस, मेरिटोरियस के 15 केस, माध्यमिक शिक्षक यानी वर्ग 2 के 12 केस, 13% होल्ड सीटों को लेकर 39 केस, प्राथमिक शिक्षक भर्ती bed व ded के मामले में 1450 याचिकाकर्ताओं ने केस लगाए हैं।
अधिकारियों के रवैये से कोर्ट में लग रही याचिकाएं
हाईकोर्ट के अधिवक्ता धीरज तिवारी ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग और लोक शिक्षण संचालनालय में अधिकारी सालों से जमें हैं। ये किसी की कुछ सुनने को तैयार नहीं। खुद को अंतिम सत्य मानकर बैठे हैं।
यही कारण है कि मजबूरी में उम्मीदवारों को न्याय के लिए कोर्ट जाना पड़ रहा है। एमपी में शिक्षक भर्ती…भर्ती न होकर भर्ता हो गई है।