MP Street Vendors: जबलपुर में अब आप सब्जी, समोसा-कचौरी, चाट की दुकान और ठेला पर कोई सामग्री बिना लाइसेंस के नहीं बेच सकेंगे। इसके लिए नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग ने स्ट्रीट वेंडर्स के लिए लाइसेंस जरूरी कर दिया है। बताते हैं यह कदम शहर में मिलावटखोरी पर रोक लगाने और स्वास्थ्य मानकों को बेहतर बनाने के लिए उठाया गया है। यदि स्ट्रीट वेंडर्स इसका उल्लंघन करेंगे तो उन्हें भारी जुर्माने के साथ सजा भी भुगतनी होगी।
वेंडर्स के फ्री बन रहे लाइसेंस
स्वास्थ्य विभाग की टीम शिविर लगाकर वेंडर्स के लाइसेंस बनवा रही है। लाइसेंस के माध्यम से वेंडर्स को अपने व्यापार को आधिकारिक रूप से संचालित करने की अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा जो वेंडर्स लाइसेंस नहीं बनवाएंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे वेंडर्स के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जुर्माना लगाया जाएगा।
क्यों लिया यह फैसला ?
बताते हैं, जबलपुर में लगभग 12 हजार स्ट्रीट वेंडर्स बिना लाइसेंस के बिजनेस कर रहे हैं। इनमें से कई वेंडर्स के पास स्वच्छता और गुणवत्ता के मानकों का अभाव पाया गया है। मिलावटखोरी और खराब गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थ बेचने के बढ़ते मामलों को देखते हुए, स्वास्थ्य विभाग ने यह फैसला लिया है।
कैंप में यह दिशा-निर्देश भी दिए जा रहे
शहर में कैंप के माध्यम से वेंडर्स को निशुल्क लाइसेंस बनवाने की सुविधा दी जा रही है। साथ ही उन्हें स्वच्छता और खाद्य सुरक्षा से संबंधित दिशा-निर्देश भी दिए जा रहे हैं। अफसरों का कहना है कि यह पहल वेंडर्स को नियमित करने और उपभोक्ताओं को सुरक्षित और स्वच्छ खाद्य सामग्री उपलब्ध करने में सहायक होगी।
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…तो 2 लाख का जुर्माना और 6 माह की होगी सजा
यह भी बताया गया कि स्ट्रीट वेंडर्स ने FSSAL का लाइसेंस नहीं बनवाया और उसके द्वारा बेची गई सामग्री से यदि कोई बीमार हो जाता है या फूड प्वाइजनिंग हो जाती है तो वेंडर पर दो लाख रुपए तक का जुर्माना और 6 महीने की सजा हो सकती है।
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