(शाजापुर से आदित्य शर्मा की रिपोर्ट)
MP SHAJAPUR NEWS: शाजापुर में मजदूरी का पैसा नहीं मिलने से क्षुब्ध मजदूरों ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ वन अफसरो के खिलाफ स्थानीय कलेक्ट्रेट कार्यालय परिसर में प्रदर्शन किया और जल्द मजदूरी न मिलने पर भूख हड़ताल की चेतावनी दी। लगभग 150 की संख्या में मजदूर कटनी से शुजालपुर के जेठडा गांव के पास मजदूर करने वन विभाग रेंजर कार्यालय शुजालपुर के माध्यम से मजदूरी करने पहुंचे थे।
मजदूरो का कहना था कि वे पिछले 20 दिनो से वन विभाग में पौधारोपण, गड्ढा खोदने सहित कई काम करते रहे हैं, लेकिन गत दिनो से उन्हें मजदूरी के पैसे संबंधित रेंजर व एसडीओ अंकित जामौद ने रूपय नहीं दिये। जबकि उनके मजदूरी के लगभग 17 लाख रूपय लेना है अब उनके पैसे नहीं से उनके सामने भुखमरी की स्थिति बन गई है। मजदूरो द्वारा बार-बार शिकायत करने के बाद भी वन विभाग रेंजर व एसडीओ अंकित जामौद ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। कटनी के मजदूरो ने जल्द मजदूरी न मिलने पर कार्यालय में भूख हड़ताल शुरू करने की चेतावनी दी है और सभी मजदूर सोमवार को भूखे प्यासे बैठे रहे।MP SHAJAPUR NEWS
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करीब 150 की संख्या में गरीब आदिवासी दलित समाज के महिला पुरुष और बच्चे कलेक्ट्रेट के सामने अपने सर पर सामान की गठरी लेकर धरना देने पहुंचे यहां पर उन्होंने वन विभाग के अफसरों की हठधर्मिता उनके द्वारा मजदूरी के भुगतान नहीं किए जाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में मजदूरों के बच्चे भूख के मारे रोते बिलखते देखे गए जिन की सुध लेने के लिए वन विभाग से कोई भी अवसर नहीं पहुंचा मामला बढ़ता देख राजस्व के आरआई और नायब तहसीलदार ने उन्हें चाय और नाश्ता करवाया देर शाम वन विभाग के एसडीओ अंकित जामोद और शुजालपुर के रेंजर पराग साहनी कलेक्ट्रेट परिसर में पहुंचे लेकिन उन्होंने यहां पर ना तो मजदूर को नाश्ता कराया ना मजदूरों को भोजन कराया और ना ही उनके भुगतान के संबंध में कोई सकारात्मक बात की मजदूर बरसते पानी में कलेक्ट्रेट के बगीचे और आसपास के क्षेत्र में परेशान होते रहे आखिर में थक हार कर शाम 4:00 बजे कलेक्ट्रेट परिसर के अंदर थक हार कर धरने पर बैठ गए।MP SHAJAPUR NEWS
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मामला बङता देख एसडीओ अंकित जामोद और रेंजर को मौके पर मौजूद मजदूरों ने अपनी मजदूरी का भुगतान नहीं करने वन विभाग के कर्मचारियों के द्वारा गाली-गलौज करते हुए अभद्रता करने के मामले में जमकर खरी-खोटी भी सुनाई साथ ही उन्होंने कहा कि हमारा 17 लाख रुपए से अधिक का पेमेंट वन विभाग के द्वारा रोक लिया गया है हम शाजापुर से 200 किलोमीटर दूर कटनी से यहां पर मजदूरी का काम करने आए थे शुजालपुर के ग्राम जेठड़ा में हमारे द्वारा पौधे लगाने का काम किया जा रहा था लेकिन 20 दिन से अधिक समय बीत जाने के बाद भी जब हमें पैसे नहीं दिए गए तो हम परेशान हो गए ना हमारे पास खाना बनाने के लिए संसाधन के पैसे की व्यवस्था थी और ना ही हम कुछ अन्य वस्तुएं खरीद सकते हैं क्योंकि हम से काम करवाने के बाद भी हम को किसी प्रकार का भुगतान नहीं किया गया जब हमारे द्वारा इसको लेकर रेंजर से मिलने का प्रयास किया गया तो वे हाले डाले देते हुए कहीं और गायब हो गए हम थक हार कर शाजापुर कलेक्ट्रेट पहुंचे और यहां पर न्याय की मांग करने के लिए।
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मजदूरों ने चर्चा करते हुए यह भी बताया कि हम तो यह समझते हैं कि मध्य प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री और दलित आदिवासी एवं गरीबों के मसीहा वन मंत्री विजय शाह के प्रदेश में मजदूरों के साथ इस प्रकार का अन्याय हो ही नहीं सकता लेकिन वन विभाग के इन लापरवाह और मक्कार कर्मचारियों के चलते हम परेशान हो रहे हैं हमारी मजदूरी का भुगतान करने वाला कोई नहीं है एसडीओ अंकित जामोद मौके पर पहुंचे उनके साथ सुजालपुर के रेंजर पराग साहनी भी पहुंचे लेकिन उन्होंने शाम 5:00 बजे तक भी किसी प्रकार की उचित व्यवस्था खाने-पीने की इन मजदूरों के लिए नहीं कि मजदूरों के बच्चे भूख प्यास से शाम तक रोते बिलखते रहे शाजापुर जिले के सुजालपुर का यह मामला है और शाजापुर जिला मुख्यालय पर सैकड़ों की संख्या में गरीब मजदूर अपने काम के मेहनताना के लिए प्रदर्शन करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
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ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या मध्य प्रदेश की संवेदनशील सरकार इन मजदूरों के साथ किए गए अन्याय के मामले में जिम्मेदार वन अफसरों पर कार्रवाई करेगी क्या सरकार की साख पर बट्टा लगाने वाले एसडीओ अंकित जामोद और सुजालपुर के रेंजर पराग साहनी पर कोई कार्रवाई होगी या फिर इस मामले में ऐसे ही लीपापोती होकर इन गरीबों के साथ अन्याय होगा हालांकि गरीब आदिवासी और निम्न वर्ग के मजदूर जो कटनी से शाजापुर आए इन मजदूरों ने मीडिया के माध्यम से मंत्री विजय शाह से मांग करते हुए कहा कि हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि हमारे गरीबों के मसीहा वन मंत्री विजय शाह इस मामले में हम को न्याय दिलाते हुए हमारे साथ अन्याय करने वाले इन वन विभाग के लापरवाह अफसरों पर सख्त कार्रवाई करेंगे
धरने पर बैठे मजदूरों की स्थिति को देखते हुए आज वह बात याद आ गई कि गरीब और निम्न वर्ग के मजदूरों की सुनने वाला कोई नहीं है जबकि मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की संवेदनशील सरकार में अफसरों को स्पष्ट निर्देश है कि आदिवासी वर्ग के गरीब वर्ग के मजदूर वर्ग के लोगों के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय ना किया जाए क्योंकि मध्य प्रदेश की और केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की संवेदनशील सरकार आदिवासी और गरीब वर्ग के प्रति कितनी संवेदनशील है कि भारत के राष्ट्रपति के लिए भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने आदिवासी चेहरे को सामने लाकर देश में आदिवासी और गरीब एवं मजदूर वर्ग के लोगों के साथ न्याय करने का संकल्प लिया है लेकिन जिला मुख्यालय के वन विभाग के एसडीओ अंकित जामुन और शुजालपुर के रेंजर पराग साहनी की करतूतों से मध्य प्रदेश की संवेदनशील सरकार पर एक सवालिया निशान खड़ा हो गया है।
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