MP schools Electricity Fund: मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूल अब LED ट्यूब लाइट से रोशन होंगे। इसके लिए लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) मध्यप्रदेश के संचालक ने 20 दिसंबर को सभी जिलों के स्कूलों में पर्याप्त रोशनी के लिए 20-20 हजार रुपए बिजली फंड की राशि महैया कराने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए डीपीआई ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों एवं विकासखंड शिक्षा अधिकारियों को आदेशित किया गया है।
लोक शिक्षण संचालनालय ने यह लेटर किया जारी
सरकारी स्कूलों की कक्षाओं में होगी पर्याप्त रोशनी
डीपीआई के लेटर में बताया गया कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों की कक्षाओं में पर्याप्त लाइट की व्यवस्था नहीं है। जिसके कारण सर्दियों के दिनों में ठंडी हवाओं के बचाव के लिए खिड़कियों, दरवाजों को बंद करने पर कक्षाओं में पर्याप्त प्रकाश की जरूरत और बढ़ जाती है। जिससे स्कूली छात्रों को अध्ययन में परेशानी होती है। इस पेरशानी को देखते हुए सभी सरकारी स्कूलों में प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था के लिए ट्यूबलाइट एवं एलईडी लगाने के निर्देश दिए गए।
क्या दिए निर्देश ?
- कक्षा में पर्याप्त रोशनी के लिए कम से कम एलईडी, ट्यूबलाइट की व्यवस्था की जाए।
- यदि बिजली फंड में पर्याप्त राशि ना हो तो संबंधित विकासखंड शिक्षा अधिकारी एवं विकासखंड स्त्रोत समंवयक से संबंधित SMC/ SMDC को मरम्मत मद में योजना 9545 विभागीय परिसंपत्तियों का संधारण, से 7125 स्कूलों (हाईस्कूल- हायर सेकंडरी स्कूल) को प्रति विद्यालय के हिसाब से 20 हजार रुए के मान से सभी विकासखंड शिक्षा अधिकारियों को राशि उपलब्ध कराई जा रही है।
- इस राशि का उपयोग उन कक्षाओं में प्रकाश के लिए ही किया जाए, जिन कक्षाओं में पर्याप्त रोशन नहीं है। उनमें ट्यूब लाइट और एलईडी लगाई जाए।
- इस राशि का उपयोग बिजली से जुड़े अन्य उपकरण जैसे स्विच बोर्ड और आंतरिक विद्युतीकरण, तार आदि में भी किया जाए।
- SMC/ SMDC से कार्य समय सीमा में पूर्ण कराया जाए।
- इस कार्य में गुणवत्ता और समय सीमा का ध्यान रखा जाए।
- यदि किसी स्कूल में पहले से प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था है तो वहां अलग से कार्य करने की जरूरत नहीं है।
- इन कार्यों का बारीकी से निरीक्षण विकासखंड शिक्षा अधिकारी द्वारा किया जाए।
- जिन स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं है, वहां प्राथमिकता के आधार पर एमपीईबी कनेक्शन के लिए प्रस्ताव भेजें।
- अंतिम निर्देश में विकासखंड शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी से कहा गया कि अपने अधिकार क्षेत्र के स्कूलों में बिजली व्यवस्था सुनिश्चित करने और उसके प्रभावी नियंत्रण की मॉनिटरिंग करें।
निर्देश में प्राथमिक- माध्यमिक स्कूलों का जिक्र नहीं
डीपीआई द्वारा सरकारी स्कूलों की कक्षाओं में प्रकाश की व्यवस्था के लिए सिर्फ हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों का जिक्र किया गया है। इनमें प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों की कक्षाओं में लाइट की व्यवस्था का हवाला नहीं दिया गया है। प्राथमिक-माध्यमिक स्कूलों से जुड़े शिक्षकों का कहना है कि प्रदेश में बड़ी संख्या में ऐसे स्कूल हैं, जहां बिजली का कनेक्शन तक नहीं है। डीपीआई को उन स्कूलों की भी चिंता करनी चाहिए। इन स्कूलों में छोटे-छोटे बच्चे पढ़ते हैं। उन्हें कक्षाओं में लाइट की ज्यादा जरूरत है।
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कक्षा 3 से 7 तक की लोकल परीक्षाएं मार्च में
राज्य शिक्षा केन्द्र ने प्रदेश के शासकीय विद्यालयों में कक्षा-3, 4, 6 और कक्षा-7 की वार्षिक परीक्षा की समय-सारणी जारी की है। परीक्षा के आयोजन के संबंध में जिला कलेक्टर को आवश्यक निर्देश भी जारी किए गए हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने वार्षिक परीक्षा के आयोजन के पहले बैठक व्यवस्था और अन्य तैयारियों के संबंध में जिला परियोजना समन्वयकों को पूर्व तैयारी करने के लिए कहा है। कक्षा-3 और 4 की वार्षिक परीक्षा अगले वर्ष 6 मार्च से शुरू होकर 11 मार्च को समाप्त होगी। इन कक्षाओं की परीक्षा का समय दोपहर 2 से शाम 4:30 बजे तक रहेगा। कक्षा-6 और 7 की वार्षिक परीक्षा 6 मार्च से शुरू होकर 12 मार्च, 2025 को समाप्त होगी। इन कक्षाओं की परीक्षा का समय दोपहर 2 से शाम 4:30 बजे तक रहेगा। परीक्षा में शामिल होने वाले दिव्यांग विद्यार्थियों को अतिरिक्त समय और लेखक की सुविधा प्रदान की जाएगी।