Advertisment

मध्यप्रदेश हाई स्कूल शिक्षक भर्ती पर हाईकोर्ट की रोक: अदालत ने सरकार से 3 हफ्ते में नियम सुधारने को कहा

MP School Shikshak Bharti: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने गुरुवार को दिए आदेश में कहा कि जब तक राज्य सरकार शिक्षक भर्ती के नियम नहीं सुधार लेती, तब तक हाई स्कूल शिक्षकों के बचे हुए पदों पर भर्ती नहीं की जाए।

author-image
Rahul Garhwal
MP School Shikshak Bharti High Court Hold Recruitment

MP School Shikshak Bharti: मध्यप्रदेश हाई स्कूल शिक्षक भर्ती पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। प्रदेश में 6 हजार पद भरे जाने हैं। अदालत ने सरकार को 6 महीने में नियम सुधारने की मोहलत दी है।

Advertisment

हाई स्कूल शिक्षक भर्ती के बचे पदों पर रोक

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने गुरुवार को दिए आदेश में कहा कि जब तक राज्य सरकार शिक्षक भर्ती के नियम नहीं सुधार लेती, तब तक हाई स्कूल शिक्षकों के बचे हुए पदों पर भर्ती नहीं की जाए।

नियम सुधारने के बाद ही होगी अगली सुनवाई

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नियम सुधारने के लिए 3 हफ्ते का वक्त दिया है। इसके बाद ही मामले में अगली सुनवाई की जाएगी। आपको बता दें कि हाई स्कूल शिक्षकों के 18 हजार में से 6 हजार पदों पर भर्ती होनी बाकी है।

राज्य सरकार को हाईकोर्ट की सलाह

MP हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैथ और जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को सलाह दी कि वो उम्मीदवारों की पात्रता के लिए सेकेंड डिवीजन की बजाय उनके मार्क्स को आधार बनाए।

Advertisment

[caption id="attachment_720264" align="alignnone" width="550"]MP High Court मध्यप्रदेश हाईकोर्ट[/caption]

भर्ती प्रक्रिया पर विवाद क्यों ?

भर्ती प्रक्रिया विवादों में इसलिए आई क्योंकि हाई स्कूल शिक्षक भर्ती में उम्मीदवारों के सेकेंड डिवीजन मानदंड में बड़ा विरोधाभास था। शिक्षा विभाग ने 448 उम्मीदवारों को सेकेंड डिवीजन में रखा, जिनके ग्रेजुएशन के अंक 45 से 50% के बीच थे। वहीं, कई ऐसे उम्मीदवार हैं जिन्हें थर्ड डिवीजन मानकर भर्ती नहीं किया गया, जबकि उनके ग्रेजुएशन के अंक भी 45 से 50% के बीच थे।

नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (NCTE) के नियमों के अनुसार, उम्मीदवारों की पात्रता ग्रेजुएशन में सेकेंड डिवीजन के आधार पर तय की गई थी। लेकिन कई विश्वविद्यालय 45 से 50% अंक लाने वालों को सेकेंड डिवीजन मानते हैं, जबकि कुछ थर्ड डिवीजन मानते हैं। ऐसे में जब शिक्षा विभाग ने अंकों की बजाय केवल मार्कशीट में सेकेंड या थर्ड डिवीजन देखकर भर्तियां कीं, तो पूरी भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे।

Advertisment

ये खबर भी पढ़ें: MP विधानसभा में बिल पास: अब जनता चुनेगी नगर पालिका अध्यक्ष, निगम अध्यक्ष के खिलाफ नहीं ला पाएंगे अविश्वास प्रस्ताव

MP सरकार ने हाईकोर्ट को बताया- 12 हजार भर्तियां हो चुकी

मध्यप्रदेश सरकार की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ने बताया कि पिछली सुनवाई 17 दिसंबर को हुई थी। इसमें सरकार ने 2 दिन का समय जवाब देने के लिए मांगा था। आज सरकार की ओर से महाधिवक्ता कार्यालय के द्वारा अवगत करवाया गया है कि हाई पावर कमेटी गठित की जा चुकी है। इसके लिए कम से कम इसमें 2 से 3 हफ्ते का समय लग सकता है। इस पर कोर्ट ने भर्ती का स्टेटस जाना कि अभी तक क्या हुआ है ? इस पर सरकार की तरफ से बताया गया कि 12 हजार भर्तियां हो चुकी हैं।

ये खबर भी पढ़ें: भोपाल के MRI सेंटर के चेंजिंग रूम में बनाया महिला का वीडियो: फॉल सीलिंग में मोबाइल छिपाकर रखा था, आरोपी से मिले सबूत

Advertisment
mp government MP School Education Department MP High Court MP School Shikshak Bharti MP School Teacher Recruitment MP High School Teacher Recruitment Hold Ban on recruitment of 6 thousand school teachers in MP
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें