BHOPAL:माध्यमिक शिक्षा मण्डल कक्षा 10वीं के छात्रों के लिए बड़े बदलाव कर सकता है जिससे छात्रों को एक बड़ा झटका लग सकता है। दरअसल 10वीं का रिजल्ट कम होने के कारण मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बड़ी योजना तैयार की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक माध्यमिक शिक्षा मंडल ने वर्तमान योजना की कमी गिनवाई है। दूसरी तरफ स्कूल शिक्षा विभाग इस योजना को समाप्त करने के पक्ष में बिल्कुल भी नहीं है। इसको लेकर माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा योजना को समाप्त करने का प्रस्ताव प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा के पास भेजा गया है।
आपको बता दें कि माध्यमिक शिक्षा मंडल की दसवीं परीक्षा में 6 विषय होते हैं। जिसमें हिंदी-अंग्रेजी के अलावा संस्कृत, सामान्य विज्ञान, गणित और विज्ञान शामिल है। इसके अलावा नेशनल स्किल्स क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क के विषय भी इसमें शामिल हैं। हालांकि 10वीं में कुछ बदलाव हुए हैं। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा मंडल ने निर्देश जारी किए हैं। जिसमें अंग्रेजी विषय लेना दसवीं के छात्रों के लिए अनिवार्य होता है।
इस पर माध्यमिक शिक्षा मंडल का कहना है कि पहले बेस्ट ऑफ फाइव लागू कर छात्रों के साथ खिलवाड़ किया जाता है। इसके साथ ही अगर अंग्रेजी को वैकल्पिक विषय किया जाता है तो इससे छात्रों के भविष्य पर असर पड़ सकता है। जिस पर 10वीं परीक्षा में वर्तमान नवीन शैक्षणिक सत्र में बेस्ट ऑफ फाइव को समाप्त करने का प्रस्ताव माध्यमिक शिक्षा मंडल की समिति को भेजा गया है। माध्यमिक शिक्षा मंडल के अनुसार बेस्ट ऑफ फाइव योजना की कई कमी गिनाई गई है।
बता दे कि माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा 10वीं परीक्षा में छात्रों के परिणाम सुधारने के लिए वर्ष 2017 में एक नवीन योजना चालू की गई थी। जिसमें बेस्ट ऑफ फाइव योजना भी लागू की गयी थी इस योजना में दसवीं के विषय में से पांच विषय में पास होना अनिवार्य किया गया था, जिसके बाद छात्रों ने एक विषय को पढऩा पूरी तरह से बंद कर दिया था। जिसका असर छात्रों के परिणाम में दिखाई दे रहा था।
इसी कारण से माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा बेस्ट ऑफ फाइव योजना को बंद करने की कवायद जा रही है। हालांकि स्कूल शिक्षा विभाग ने इस बात को नकारा है। अब आगे देखना होगा कि बेस्ट ऑफ फाइव योजना को लेकर माध्यमिक शिक्षा मंडल और स्कूल शिक्षा विभाग की आपस में क्या प्रतिक्रिया होती है।